Maharashtra: फ्री फायर गेम खेलने से मानसिक तौर पर बीमार हुआ युवक, बेटे की हालत देख सदमे में किसान माता-पिता
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

युवाओं में मोबाइल फोन (Mobile Phone) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. छोटे बच्चों से लेकर स्कूल जाने वाले और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों में मोबाइल फोन का अलग ही क्रेज देखने को मिलता है. इनमें से अधिकांश बच्चे और युवा अपना ज्यादातर समय मोबाइल गेम (Mobile Game) खेलने में बिताते हैं. मोबाइल फोन में ऑनलाइन गेम (Online Game) की लत के चलते युवा कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं और मानसिक बीमारी (Mental Illness) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. एक ऐसा ही मामला महाराष्ट्र (Maharashtra) के धुले (Dhule) से सामने आया है, जहां एक 20 वर्षीय युवक 'फ्री फायर गेम' (Free Fire Game) की लत के चलते मानसिक रोगी हो गया है. उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति देखकर उसके किसान माता-पिता सदमे में हैं.

दरअसल, कोरोना वायरस महामारी के दो साल के दौर में स्कूल-कॉलेज बंद होने से ऑनलाइन क्लासेस के लिए बच्चों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया और इसी के चलते उनमें मोबाइल गेम खेलने की लत भी लगने लगी. कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के लिए हाथ में दिया गया मोबाइल आगे चलकर तरह-तरह की बीमारियों का कारण बना है. धुले जिले के शिरपुर तालुका के एक गांव में 20 वर्षीय युवक फ्री फायर गेम के जुनून के कारण मानसिक बीमारी का शिकार हो गया है, फिलहाल उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. यह भी पढ़ें: Mumbai: मोबाइल फोन पर ऑनलाइन गेम खेलने से मां ने मना किया, 16 वर्षीय लड़के ने ट्रेन के सामने आकर की खुदकुशी- शव बरामद

बताया जाता है कि पीड़ित युवक एक दिन अपने घर में अपने हाथ से बंदूक तानने का इशारा कर रहा था, जिसे देखकर उसके किसान माता-पिता दंग रह गए. बेटे की इस हरकत से घबराए माता-पिता उसे पास के एक निजी डॉक्टर के पास ले गए, फिर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी बीमारी का मुख्य कारण समझ में आने के बाद उसे शिरपुर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मानसिक तौर पर पीड़ित युवक को फ्री फायर गेम की इस कदर लत लग चुकी है कि उसे असल में ऐसा लगता है कि वो बंदूक से फायर कर रहा है. डॉक्टर की मानें तो वो ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसे लगता है कि उसके सामने हर व्यक्ति दुश्मन है और उसे बंदूक से मार देना चाहिए. बहरहाल, शहरों तक सीमित रहने वाली यह समस्या अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच गई है, जिसके चलते बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चों से जुड़ी सुरक्षा की चुनौती की सामना करना पड़ रहा है.