मुंबई, आठ दिसंबर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को यह कहते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा कि जिस तरह गुजरात में विधानसभा चुनाव होने से पहले बड़ी परियोजनाएं महाराष्ट्र से वहां स्थानांतरित कर दी गयीं, उसी तरह कर्नाटक में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य (महाराष्ट्र) के गांव कर्नाटक में मिला दिये जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस साल के प्रारंभ में महाराष्ट्र से गुजरात में परियोजनाओं के स्थानांतरण ने पड़ोसी राज्य में भाजपा की शानदार जीत में बड़ी भूमिका निभायी है. यह भी पढ़ें: गुजरात के चुनावी नतीजे के बाद UP सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, हमारी जीत पीएम के विकास, सुरक्षा और सुशासन के प्रति जनता के स्नेह की अभिव्यक्ति है
ठाकरे ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए की घटक हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ जिस तरह चुनाव वाले राज्य गुजरात में महाराष्ट्र से परियोजनाएं ले जायी गयीं, उसी तरह महराष्ट्र के गांव कर्नाटक को दे दिये जायेंगे, जहां चुनाव होने हैं.’’
उन्होंने दावा किया , ‘‘ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा महाराष्ट्र के क्षेत्रों को लेकर किये जा रहे दावे को गंभीरता से लिया जाए। भाजपा की महाराष्ट्र को अस्थिर करने की चाल है.’’
महाराष्ट्र के कई गांवों पर बोम्मई द्वारा दावा करने के बाद कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के बीच छह दशक पुराने सीमा विवाद ने हाल में एक नया मोड़ ले लिया है.
संवाददाता सम्मेलन में ठाकरे के साथ मौजूद महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यहां 17 दिसंबर को एमवीए की एक विशाल रैली होगी और उसमें भाजपा के ‘महाराष्ट्र विरोधी रुख’ को जनता के सामने जोरशोर से रखा जाएगा.
छत्रपति शिवाजी महाराज के विरूद्ध कुछ तत्वों की टिप्पणियों, महाराष्ट्र से कई परियोजनाएं चले जाने समेत कई मुद्दों पर एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार को निशाने पर लेने के लिए विपक्षी दलों ने यह रैली आहूत की है.
ठाकरे ने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र से प्रेम करने वाले सभी लोगों से मैं प्रदर्शन में शामिल होने की अपील करता हूं, जो जीजामाता उदयन से शुरू होकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की ओर जाएगा.’’
उन्होंने कहा कि जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के क्षेत्रों पर दावा कर रहे थे, तब महाराष्ट्र सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त नहीं की थी.
पटोले और पवार ने कहा कि मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज, समाज सुधारक महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले का राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा अपमान किये जाने के बाद भी भाजपा चुप रही.
पटोले ने कहा, ‘‘ भाजपा दिल्ली में निकाय चुनाव हार गयी, जहां वह 15 सालों से सत्ता में थी और वह हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव हार गयी, जहां वह सरकार में थी. पार्टी के पास गुजरात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही भरोसा के लिए एकमात्र थे.
पवार ने कहा कि ‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी’ (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा अपने गृह राज्य में भाजपा को हार से बचा नहीं पाये.
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