Pune Porsche Car Accident Case: पुणे पोर्श कार हादसे में दो लोगों को रौंदने का मामला, नाबालिग आरोपी के पिता को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुणे पोर्श कार हादसे में दो लोगों को रौदने के मामले में अब से कुछ समय पहले पुलिस ने आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को हिरासत में लेकर पुलिस स्टेशन में पूछताछ कर रही थी. वहीं पुलिस ने आरोपी के पिता को अब गिरफ्तार कर लिया है.
Pune Porsche Car Accident Case: बीते शनिवार रात महाराष्ट्र के पुणे शहर में पोर्श कार हादसे में दो लोगों को रौंदने के मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. पेश से बिल्डर आरोपी के पिता को पुणे पुलिस ने महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने पहले विशाल अग्रवाल को हिरासत में लेकर पुलिस स्टेशन आई. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के अनुसार हादसे के बाद से गिरफ्तारी की डर से आरोपी का पिता फरार हो गया था. उसे डर था कि मामले में पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है.
वहीं इससे पहले पुलिस ने हादसे में दो लोगों को तेज रफ्तार पोर्श कार से रौंदकर मारने को लेकर नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया था. जिसे कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उसे जमानत मिल गई. हालांकि नाबालिग आरोपी को जमानत मिलने पर मृतक के परिवार वाले काफी गुस्से में हैं. उनकी मांग है कि आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. यह भी पढ़े: Pune Porsche Car Accident: पुणे पोर्श कार हादसे में दो लोगों का मौत का मामला, नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को पुलिस ने हिरासत में लिया
आरोपी का पिता गिरफ्तार:
दोनों मृतक मध्य प्रदेश के रहने वाले थे:
कार हादसे में पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के अनीश अवधिया और महिला अश्विनी कोष्टा की जान गई है. ये दोनों शनिवार रात दोस्त से मिलने के बाद घर जा रहे थे. तभी तेज रफ़्तार पोर्श कार ने दोनों को रौंद दिया. जिससे इनकी जान चली गई. ये दोनों पेशे से इंजीनियर थे. चश्मदीदों के अनुसार आरोपी दो किमी प्रति घंटे से अधिक की गति में गाड़ी चला रहा था और उस पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी.
जानें आरोपी को लेकर पुलिस ने क्या कहा:
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पुलिस ने अदालत से आग्रह किया था कि आरोपी के साथ बालिग जैसा व्यवहार किया जाए क्योंकि यह एक "जघन्य अपराध" है और उसकी हिरासत की मांग की गई थी. लेकिन कोर्ट से आरोपी को जमानत मिल गई. पुलिस जमानत आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी.