मुंबई: शिवसेना (UBT) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के इस्तीफे को खारिज करने के फैसले का स्वागत किया. महा विकास अघाड़ी (MVA) की सहयोगी पार्टी के कदम के तुरंत बाद राउत ने कहा, यह प्रत्याशित था..पवार साहब का कोई विकल्प नहीं है.. एनसीपी समिति का फैसला सही है.
उन्होंने कहा कि पवार सबसे सम्मानित और राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत नेता हैं और देश के सभी विपक्षी दल चाहते हैं कि वह अपने पद पर बने रहें. राउत ने आग्रह किया, इस पर सभी पार्टियां सहमत हैं, वह एकजुट करने वाली ताकत हैं.. पवार साहब को कम से कम (2024) चुनाव तक एनसीपी अध्यक्ष बने रहना चाहिए. सबकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए शरद पवार ने अब अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. Sharad Pawar Takes Back Resignation: शरद पवार ने इस्तीफा लिया वापस, बने रहेंगे NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष
राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विभिन्न प्रकार के दबाव की रणनीति का उपयोग कर सभी विपक्षी दलों को नष्ट करने और उन्हें अपने साथ विलय करने के लिए मजबूर करने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा, पहले भाजपा ने शिवसेना को तोड़ा, फिर केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर से एनसीपी को इसी तरह निशाना बनाया जा रहा है.. लोकतंत्र में यह काम नहीं कर सकता. उन्होंने खुलासा किया कि पवार ने इस बारे में हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी लिखा था.
राउत की प्रतिक्रिया एनसीपी पैनल की बैठक के तुरंत बाद आई, जिसने सर्वसम्मति से पवार के 2 मई को पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने के चौंकाने वाले फैसले को खारिज कर दिया और उनसे अपने पद पर बने रहने का अनुरोध भी किया, जिसे पवार ने स्वीकार कर लिया. एनसीपी के शीर्ष नेतृत्व पवार से मिलने गए और समिति द्वारा पारित प्रस्तावों को प्रस्तुत किया.
एनसीपी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार ने इस पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा है और जल्द ही उनके फाइनल कॉल की उम्मीद है. फाइनल कॉल के मुताबिक पवार ने इस्तीफा वापस ले लिया. राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी के अलग होने की अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है और जोर देकर कहा कि पार्टी शरद पवार के पीछे पूरी तरह से एकजुट है.