कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र ने रेमेडेसिविर दवा की कालाबाजारी पर रोक लगाने के किए दवा की 60,000 शीशियां खरीदी
रेमेडेसिविर (Photo Credit: ANI)

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों के बीच रेमेडेसिविर (Remdesivir) की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए, उद्धव ठाकरे सरकार ने इस जीवन रक्षक दवा की 60,000 शीशियों के लिए आदेश दिया है. महाराष्ट्र सरकार 3,392.48 रुपये प्रति शीशी रेमेडिसविर खर्च करेगी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देशों के बाद चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) ने यह आर्डर प्लेस किया है.

मुंबई मिरर ने बताया कि डीएमआरसी ने 30,870 रुपये में टोसीलिज़ुमाब की 20,000 शीशियों और फेविपिरविर (Favipiravir) के छह लाख टैबलेट 58 रुपये प्रति टैबलेट या 1999.20 रुपये में पूरी स्ट्रिप दी है. डीएमईआर के प्रमुख डॉ टीपी लहाणे ने कहा, "हम अगले छह महीनों के लिए इनकी बुकिंग कर रहे हैं और यह रेट्स एक वर्ष के लिए मान्य होंगे. इससे कालाबाजारी समाप्त हो जाएगी और लोगों को सस्ती दरों पर जीवन रक्षक दवाएं मिलेंगी." यह भी पढ़ें: देश में कोरोना ने तोड़े अब तक के सारे रिकॉर्ड, एक दिन में आए 38 हजार से ज्यादा नए केस, 543 मरीजों की मौत. 

करीब 20 करोड़ रुपये मूल्य की इन दवाओं की आपूर्ति राज्य संचालित COVID-19 अस्पतालों को की जाएगी. "हम सबसे पहले राज्य में चलने वाले COVID-19 अस्पतालों के लिए इन दवाओं को खरीदने जा रहे हैं. हमने पहले ही राज्य सरकार द्वारा नामित अन्य सार्वजनिक और निजी COVID-19 अस्पतालों को हमारे द्वारा तय दरों पर दवा खरीदने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं.

इससे पहले, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य सरकार सभी को रेमडेसिवीर और फेविपिरविर दवा प्रदान करेगी. टोपे ने कहा था, "आने वाले दो दिनों में रेमडेसिवीर और फेविपिरविर दोनों दवाएं सभी जिलों में उपलब्ध होंगी. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह केवल अमीर और प्रभावशाली लोगों के लिए उपलब्ध न हो. यह सभी के लिए उपलब्ध होगा," टोपे ने कहा था.