महाराष्ट्र: मंत्री नितिन राउत ने कहा, प्रवासी मजदूरों से रेलवे का किराया लेने ठीक नहीं- PM CARES से दें पैसे

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए उठाए गए सख्त कदमों के चलते बड़ी संख्या में मजदूर, स्टूडेंट्स और पर्यटक अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. जिन्हें उनके राज्य में पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाया है. सरकार ने स्पेशल श्रमिक ट्रेन से लोगों को घर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. लेकिन मजदूरों से लिया जाने वाला किराया अब सियासी रंग लेने लगा है. महाराष्ट्र के मंत्री नितिन राउत ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों से यात्रा के लिए 505 रुपये लिए गए हैं जो कि बहुत अनुचित है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार को उनके टिकट का भुगतान PM CARES कोष से करना चाहिए था. मैंने व्यक्तिगत रूप से उनके टिकट के लिए 5 लाख रुपये का भुगतान किया है. बता दें कि अन्य राज्यों के ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या महाराष्ट्र में हैं. वहीं यहां बड़ी संख्या में मजदूर भी फंसे हुए हैं. जो जल्दी से जल्दी अपने घर जाना चाहते हैं.

मंत्री नितिन राउत ( फोटो क्रेडिट - ANI )

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए उठाए गए सख्त कदमों के चलते बड़ी संख्या में मजदूर, स्टूडेंट्स और पर्यटक अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. जिन्हें उनके राज्य में पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाया है. सरकार ने स्पेशल श्रमिक ट्रेन से लोगों को घर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. लेकिन मजदूरों से लिया जाने वाला किराया अब सियासी रंग लेने लगा है. महाराष्ट्र के मंत्री नितिन राउत ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों से यात्रा के लिए 505 रुपये लिए गए हैं जो कि बहुत अनुचित है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार को उनके टिकट का भुगतान PM CARES कोष से करना चाहिए था. मैंने व्यक्तिगत रूप से उनके टिकट के लिए 5 लाख रुपये का भुगतान किया है. बता दें कि अन्य राज्यों के ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या महाराष्ट्र में हैं. वहीं यहां बड़ी संख्या में मजदूर भी फंसे हुए हैं. जो जल्दी से जल्दी अपने घर जाना चाहते हैं.

बता दें महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार से दूसरों राज्यों में फंसे श्रमिकों एवं मजदूरों को अपने-अपने प्रांतों में पहुंचाने के लिए चलाई जा रही रेल सेवा का किराया केन्द्र सरकार और पीएम केयर फण्ड से वहन किये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के चलते श्रमिक, मजदूर पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरियां छिन गई है, उनके रोजगार समाप्त हो गये हैं और काम-धंधे ठप्प हो गये हैं. ऐसी हालत में उनसे पैसे नहीं लेने चाहिए.

ANI का ट्वीट:- 

गौरतलब हो कि देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से हजारों प्रवासी देश के विभिन्न स्थानों में फंसे हुए थे. कई लोगों ने पैदल चलकर सैकड़ों किलोमीटर दूर घर जाने का प्रयास भी किया. गृह मंत्रालय ने प्रवासियों और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति दी थी. जिसके बाद रेलवे ने 6 राज्यों से अलग-अलग राज्यों से ट्रेन चलाई गई. (भाषा इनपुट)

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