मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में तेजी से पैर पसारता कोरोना ने सारे रिकॉर्ड धाराशाही कर दिये हैं. रविवार को राज्य में सर्वाधिक 68,631 मामले सामने आए थे और रिकॉर्ड 503 मौतें दर्ज हुई. महामारी की बेकाबू रफ्तार से राज्य की स्वास्थ्य सुविधाएं कम पड़ने लगी है. इस बीच हालात को जल्दी से नियंत्रण में करने के लिए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में कोविड नियमों को और सख्त बनाने के संकेत दिए है. रिपोर्ट्स की मानें तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में आज होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लग सकती है. COVID-19: लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, 5 राज्यों के यात्रियों के लिए RT-PCR निगेटिव टेस्ट किया अनिवार्य
महाराष्ट्र में महामारी की स्थिति पर चर्चा के लिये हुई एक बैठक के बाद राज्यभर में किराने की दुकानों को सुबह सात से 11 बजे तक ही खोलने की अनुमति देने का निर्णय किया गया है. ताकि सामान खरीदने के बहाने दिनभर अनावश्यक बाहर घूमने की लोगों की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सके. उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, मेडिकल शिक्षा मंत्री अमित देशमुख और अन्य भी उपस्थित थे.
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में #COVID19 के 58,924 नए मामले सामने आए हैं। 52,412 लोग डिस्चार्ज हुए और 351 लोगों की मृत्यु दर्ज़ की गई।
कुल मामले: 38,98,262
कुल मृत्यु: 60,824 pic.twitter.com/qN0VAt5MAU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2021
वहीं, महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि को देखते हुए उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने अस्पतालों में ही गैस का उत्पादन करने के लिये संयंत्र स्थापित करने की वकालत की. आधिकारिक बयान में कहा गया कि पवार ने जिला अधिकारियों और नगर आयुक्तों को आदेश दिया कि वे तत्काल संयंत्र स्थापित करने के लिये खरीद की प्रक्रिया शुरू करें. इन संयंत्रों को दो से तीन सप्ताह में स्थापित किया जा सकता है.
इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने कोविड-19 की रोकथाम के लिये लागू कड़ी पाबंदियों से प्रभाव से संवेदनशील वर्गों को बचाने के लिये राज्य सरकार द्वारा घोषित 5,476 करोड़ रुपये के राहत पैकेज के युद्ध स्तर पर इस्तेमाल का निर्देश दिया. राज्य में पंजीकृत 12 लाख निर्माण मजदूरों को कोविड पाबंदियों के दौरान 15-15 सौ रुपये दिये जाएंगे जबकि लाइसेंसधारी ऑटो-रिक्शा चालकों को भी 15-15 सौ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. इसके अलावा अन्य संवेदनशील वर्गों को भी इस पैकेज के तहत मदद देने का प्रावधान किया गया है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों की आवाजाही और गैर-आवश्यक गतिविधियों पर रोक की लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिये पैकेज की घोषणा की थी. ये पाबंदियां 14 अप्रैल की रात से लागू की गई थीं, जो एक मई सुबह सात बजे तक जारी रहेंगी.