महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है. दोनों ही राज्यों में मुख्य पार्टियां गठबंधन बनाकर मैदान में उतरी हैं. लेकिन कुछ सीटों पर सहयोगी दल एक-दूसरे के साथ ही मुकाबला कर रहे हैं.महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में विधानसभा चुनाव होंगे. नामांकन प्रक्रिया 29 अक्टूबर को खत्म हो गई है. कुल 288 सीटों के लिए करीब आठ हजार उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है. चार नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. राज्य में मुख्य चुनावी मुकाबला 'महायुति गठबंधन' और 'महा विकास अघाड़ी' के बीच है. महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. वहीं, महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं.
‘द हिंदू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में बीजेपी 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 80 सीटों और अजीत पवार की एनसीपी ने 53 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. पांच सीटें अन्य सहयोगियों को दी गई हैं. वहीं, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस ने 103 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना 89 और शरद पवार की एनसीपी 87 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. छह सीटें अन्य सहयोगी दलों को दी गई हैं. हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 96 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं.
कई सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट' की संभावना
कई सीटों पर गठबंधनों के भीतर ही टकराव की स्थिति बन गई है. उदाहरण के लिए, मानखुर्द शिवाजीनगर सीट पर मुकाबला चौतरफा हो गया है. यहां पर मुख्य मुकाबला पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजित पवार) के उम्मीदवार नवाब मलिक और समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के बीच में है. इसके अलावा, दोनों शिवसेना ने भी यहां से अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. यानी इस सीट पर महायुति के दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सात सीटों पर महा विकास अघाड़ी की दो पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. धारावी और सोलापुर दक्षिण समेत चार सीटों पर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. सोलापुर की पंढरपूर एक सीट पर कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) दोनों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. वहीं, धाराशिव जिले की परांडा सीट पर शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद पवार) दोनों के उम्मीदवार मैदान में हैं.
जब एक गठबंधन में शामिल दो पार्टियां कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ ही चुनाव लड़ती हैं, तो उसे फ्रैंडली फाइट कहा जाता है. महायुति में पांच सीटों पर ऐसी फ्रैंडली फाइट होने की संभावना है. मानखुर्द और डिंडोरी समेत तीन सीटों पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे. वहीं, मोर्शी और आष्ट्री सीट पर बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार) दोनों ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
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मुंबई की माहिम सीट को लेकर भी महायुति गठबंधन में एक राय नहीं है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने माहिम सीट से अपने बेटे दीपक ठाकरे को मैदान में उतारा है. वहीं, शिंदे की शिवसेना ने मौजूदा विधायक सदा सर्वांकर को टिकट दिया है. लेकिन बीजेपी इस सीट पर महायुति के उम्मीदवार की बजाय दीपक ठाकरे का समर्थन कर रही है. दोनों ही पार्टियां अपने फैसले पर अडिग हैं.
झारखंड में क्या है स्थिति
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं. वहां दो चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. पहले चरण में 43 और दूसरे चरण में 38 सीटों पर चुनाव होंगे. पहले चरण में करीब 680 प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं दूसरे चरण के लिए लगभग 630 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है. झारखंड और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों के चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.
झारखंड में मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन और एनडीए गठबंधन के बीच में है. एनडीए गठबंधन में बीजेपी सबसे ज्यादा 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, दस सीटों पर तो वहीं जेडीयू दो और एलजेपी (चिराग पासवान) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनडीए गठबंधन की पार्टियां किसी भी सीट पर फ्रेंडली फाइट नहीं करेंगी.
वहीं, सत्ताधारी गठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 30, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सात और सीपीआई (एमएल) चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इनमें से तीन सीटों पर गठबंधन की दो पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं. यानी इन सीटों पर फ्रैंडली फाइट होगी. बिश्रामपुर और छतरपुर सीट पर कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे. वहीं, धनवार सीट पर जेएमएम और सीपीआई-एमएल के बीच मुकाबला होगा.
यूपी उपचुनाव में हिस्सा नहीं ले रही कांग्रेस
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होगा. यहां मुकाबला मुख्य रूप से एनडीए गठबंधन और समाजवादी पार्टी के बीच में है. यहां बीजेपी आठ सीटों पर और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, विपक्ष की ओर से समाजवादी पार्टी ने सभी नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. एसपी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस इन उपचुनावों में हिस्सा नहीं ले रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस उपचुनावों में चार से पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी. लेकिन समाजवादी पार्टी उसे दो सीटें- खैर (अलीगढ़) और गाजियाबाद ही देने की इच्छुक थी. इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की स्थिति खास अच्छी नहीं थी. बाद में एसपी ने कांग्रेस को एक और सीट देने का प्रस्ताव रखा लेकिन सोच-विचार करने के बाद कांग्रेस ने उपचुनाव में ना उतरने का फैसला लिया. इसके बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बात सीट की नहीं, जीत की है.