Maharashtra की उद्धव सरकार ने रियल एस्टेट इंडस्ट्री को दिया बड़ा तोहफा, मुंबई सहित राज्य में सस्ती कीमत पर मिलेंगे घर
महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) ने रियल एस्टेट सेक्टर को और बूस्ट देने के लिए डेवलपर्स के द्वारा चुकाए जाने वाले प्रीमियम की दरों में 50 परसेंट कटौती करने का फैसला लिया है. रिपोर्ट महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 6 जनवरी को 31 दिसंबर, 2021 तक रियल एस्टेट प्रीमियम में 50 प्रतिशत की कटौती के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. राज्य सरकार के इस फैसला का फायदा घर खरीदारों (Home Buyers) को होगा. दरअसल सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी. जिससे मुंबई, ठाणे, पुणे और नवी मुंबई जैसे महानगरों में बन रहे घर यानी कि फ्लैट लेने वालें ग्राहकों इसका फायदा मिलेगा.
मुंबई:- महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) ने रियल एस्टेट सेक्टर को और बूस्ट देने के लिए डेवलपर्स के द्वारा चुकाए जाने वाले प्रीमियम की दरों में 50 परसेंट कटौती करने का फैसला लिया है. रिपोर्ट महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 6 जनवरी को 31 दिसंबर, 2021 तक रियल एस्टेट प्रीमियम में 50 प्रतिशत की कटौती के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. राज्य सरकार के इस फैसला का फायदा घर खरीदारों (Home Buyers) को होगा. दरअसल सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी. जिससे मुंबई, ठाणे, पुणे और नवी मुंबई जैसे महानगरों में बन रहे घर यानी कि फ्लैट लेने वालें ग्राहकों इसका फायदा मिलेगा.
बता दें कि कोरोना संकट के बाद देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिसका हर राज्य पर हुआ हुआ. इन्ही राज्यों में महाराष्ट्र का नाम भी शामिल है. इसलिए महानगर पालिकाओं के रेवेन्यू में खासी कमी हुई है. जिसके बाद राज्य सरकार से रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए महानगर पालिकाओं ने पत्र लिखकर मांग की थी, कि अगर प्रीमियम में बिल्डरों को छुट दी जाती है तो बिल्डिंग के प्रोजेक्ट ज्यादा रजिस्टर होंगे और इसका फायदा इनकम पर होगा.
गौरतलब हो कि बिल्डर्स को प्रीमियम और सेस में 50 फीसदी की कटौती से बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल आर्थिक राजधानी मुंबई में प्रीमियम और सेस के रूप में बिल्डर्स को तकरीबन 30 फीसदी हिस्सा चुकाना पड़ता है. ऐसे में जगह की कीमत ज्यादा हो और उसपर से प्रीमियम और सेस के चार्ज के कारण उस प्रोजेक्ट की कीमत में अपने आप इजाफा हो जाता है. जिसके कारण घर खरीदने वालों को अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ती है.