Maharashtra: ससुर ने किडनी डोनेट कर गंभीर रूप से बीमार बहू की जान बचाई

महाराष्ट्र में औरंगाबाद के जालना जिले में किडनी की बीमारी से पीड़ित एक 25 वर्षीय महिला को उसके ससुर द्वारा अपनी एक किडनी दान करने के बाद नया जीवन मिला है. मेडिकवर अस्पताल में डॉक्टरों की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट करने के बाद महिला को नया जीवन मिला है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

औरंगाबाद, 12 फरवरी : महाराष्ट्र में औरंगाबाद के जालना जिले में किडनी की बीमारी से पीड़ित एक 25 वर्षीय महिला को उसके ससुर द्वारा अपनी एक किडनी दान करने के बाद नया जीवन मिला है. मेडिकवर अस्पताल में डॉक्टरों की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट करने के बाद महिला को नया जीवन मिला है. महिला को 6 महीने पहले किडनी फेल होने का पता चला था. उन्हें मूत्र संबंधी दिक्कत आ गई थी, जिससे उन्हें पूरे शरीर में सूजन आ गई थी और हेमोप्टाइसिस (बलगम या कफ में खून) की समस्या भी बार-बार हो रही थी.

केंद्र प्रमुख (सेंटर हेड) नेहा जैन ने एक बयान में कहा, कई मामलों में, इस रोगी में गुर्दा प्रत्यारोपण (किडनी ट्रांसप्लांटेशन) वास्तव में चुनौतीपूर्ण था. उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में डायलिसिस उपचार की आवश्यकता थी. उनकी हालत के लिए, किडनी विशेषज्ञ सचिन सोनी ने किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी की सलाह दी थी, जो डोनर की अनुपलब्धता के कारण स्थगित हो रही थी. ऐसे में महिला के ससुर ने अपनी बहू के लिए किडनी डोनर बनने का फैसला किया. चुनौतियां कम नहीं थीं, क्योंकि उनका ब्लड ग्रुप (बी पॉजिटिव) मरीज (ओ पॉजिटिव) के ब्लड ग्रुप के अनुकूल नहीं था. यह भी पढ़ें : Unnao Seat: कांग्रेस ने बलात्कार पीड़िता की मां को उतारा मैदान में, लेकिन मुद्दा मंहगाई, बेरोजगारी

किसी अन्य दाता की अनुपस्थिति में, अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण टीम ने दिसंबर 2021 में एबीओ इन्कम्पैटबल गुर्दा प्रत्यारोपण करने की चुनौती स्वीकार की. रोगी को किडनी प्रत्यारोपण के बीच कोविड-19 संक्रमण के रूप में एक और बाधा आई और अंतत: 2 फरवरी, 2022 को सर्जरी की गई. हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि अब दाता और प्राप्तकर्ता स्वस्थ स्थिति में हैं और किडनी सामान्य रूप से काम कर रही है.

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