Maharashtra: कार खरीदने वालों को बनाना होगा पार्किंग एरिया सर्टिफिकेट, सरकार ला रही है नया नियम
अगर आप महाराष्ट्र में कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जल्द ही आपको नई गाड़ी रजिस्टर कराने के लिए एक और डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ सकती है और वह है ‘पार्किंग एरिया सर्टिफिकेट.’
मुंबई: अगर आप महाराष्ट्र में कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जल्द ही आपको नई गाड़ी रजिस्टर कराने के लिए एक और डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ सकती है और वह है ‘पार्किंग एरिया सर्टिफिकेट.’ राज्य सरकार ने वाहनों की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक जाम की समस्या को नियंत्रित करने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य में ट्रैफिक और प्रदूषण से निपटने के लिए एक 100दिवसीय कार्यक्रम को मंजूरी दी है. इस कार्यक्रम के तहत, मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में नए वाहन रजिस्टर करने से पहले कार मालिकों को यह प्रमाण देना होगा कि उनके पास वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग की जगह उपलब्ध है.
राज्य परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री के सामने यह प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा कि शहरों में वाहनों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है. इस प्रस्ताव को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सके.
कैसे काम करेगा यह नियम?
स्थानीय प्रशासन सार्वजनिक और निजी पार्किंग क्षेत्रों की पहचान करेगा. इसमें सहकारी हाउसिंग सोसाइटियां, शहरी विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी, नगर निकाय, एमएमआरडीए, और परिवहन विशेषज्ञ शामिल होंगे.
इस सर्टिफिकेट को लागू करने के लिए जापान, लंदन, टोक्यो और सिंगापुर जैसे शहरों की नीतियों से प्रेरणा ली गई है. जापान की तरह, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए पार्किंग का प्रमाण दिखाना अनिवार्य होगा.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर जोर
परिवहन विभाग ने कहा है कि सरकार सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है. इसके साथ ही निजी वाहनों पर धीरे-धीरे कुछ प्रतिबंध लागू किए जाएंगे. यह कदम ट्रैफिक को नियंत्रित करने और लोगों को सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए प्रेरित करेगा.
आने वाले बदलाव और अन्य कदम
वाहन मालिकों पर ‘कंजेशन फीस’ लगाने की योजना भी विचाराधीन है. चरणबद्ध तरीके से पार्किंग क्षेत्र का प्रमाणपत्र लागू किया जाएगा. यह योजना मुख्य रूप से भीड़भाड़ वाले इलाकों में लागू की जाएगी.