महाराष्ट्र में सरकार पर सस्पेंस: कांग्रेस ने भी अपनाई 'वेट एंड वाच' की नीति, अशोक चव्हाण बोले- सही समय पर खोलेंगे अपने पत्ते
अशोक चव्हाण (Photo Credits: ANI)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच जारी सत्ता संघर्ष के कारण राज्य में सरकार गठन पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है. इस बीच, शुक्रवार को महाराष्ट्र कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने कहा, 'बीजेपी सहयोगियों से अपने किए वादे को निभाने में विफल रही है और यही वजह है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट (Political Crisis) पैदा हो गया है. हम इंतजार कर रहे हैं और स्थिति को देख रहे हैं, हम सही समय पर फैसला लेंगे.'

वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट से जब पूछा गया कि क्या एनसीपी-कांग्रेस शिवसेना के साथ जाएगी तो उन्होंने कहा कि हमारे पास वह रणनीति नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. वे (बीजेपी-शिवसेना) सरकार में एक बड़ा हिस्सा पाने के लिए लड़ रहे हैं. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: बीजेपी के साथ जारी 'सत्ता संघर्ष' के बीच शरद पवार से मिले संजय राउत, साथ आएंगे NCP-शिवसेना?

इससे पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना को जनता ने महाराष्ट्र में स्थिर सरकार बनाने का जनमत दिया है. हम चाहते हैं कि वे सरकार बनाएं और बहुमत साबित करें. अगर वे बहुमत साबित करने में नाकाम रहते हैं तो हम निश्चित रूप से सरकार बनाने की कोशिश करेंगे.

उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा.

इस बीच, महाराष्ट्र के वित्त मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.