महाराष्ट्र: शिरडी में आज बंद का आह्वान, साईं बाबा की जन्मभूमि पर सीएम उद्धव ठाकरे के बयान से बेहद नाराज हैं लोग
हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा साईं बाबा की जन्मभूमि पर दिए गए कथित बयान के बाद शिरडी में बवाल मच गया है और यहां के लोग सीएम के बयान से बेहद खफा है, इसलिए उन्होंने आज शिरडी बंद का अह्वान किया है. हालांकि सीएम उद्धव ठाकरे के शिरडी वासियों से अपील के बावजूद शिरडी ग्राम सभा ने रविवार को बंद का फैसला किया है.
नासिक: शिरडी के साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) की महिमा से भला कौन अंजान है, यही वजह है कि अपनी मुरादे लेकर देश और दुनिया से तमाम भक्त साई दरबार में आते हैं और यहां श्रद्धा से शीश झुकाते हैं. साईं के दरबार (Shirdi Sai Temple) में हर रोज भारी तादात में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Maharashtra Chief Minister) उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakeray) द्वारा साईं बाबा की जन्मभूमि (Sai Baba's Birthplace) पर दिए गए कथित बयान के बाद शिरडी में बवाल मच गया है और यहां के लोग सीएम के बयान से बेहद खफा है, इसलिए उन्होंने आज शिरडी बंद (Shirdi Bandh) का अह्वान किया है. हालांकि सीएम उद्धव ठाकरे के शिरडी वासियों से अपील के बावजूद शिरडी ग्राम सभा ने रविवार को बंद का फैसला किया है.
दरअसल, सीएम उद्ध ठाकरे ने साईं बाबा की जन्मभूमि पाथरी (परभणी) बताते हुए उस शहर के लिए विकास निधि का ऐलान किया था, जिसके बाद से ऐसा बवाल मचा है जो शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री के बयान से नाराज ग्रामीणों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म का जिक्र कभी नहीं किया और न ही साईं चरित्र में इसके बारे में कोई उल्लेख है.
शिरडी बंद-
शिरडी बंद को लेकर शिरडी ग्राम सभा का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपना बयान वापस नहीं लेते हैं, तब तक बंद जारी रहेगा. वहीं सीएम उद्धव के बयान के बाद शिरडी में बंद के आह्वान का बीजेपी नेता और विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने समर्थन किया है. यह भी पढ़ें: साईं बाबा के भक्तों को परेशान होने की जरूरत नहीं, प्रबंधन ने कहा- 19 जनवरी को खुला रहेगा मंदिर
बता दें कि 9 जनवरी को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में सीएम उद्धव ठाकरे ने साईं बाबा जन्मस्थली पाथरी (परभणी) बताते हुए इस शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि देने का ऐलान किया था. सीएम के इस बयान के बाद से ही यहां बवाल जारी है और शिरडी के लोग मुख्यमंत्री के इस फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. हालांकि यहां राहत की बात तो यह है कि बंद के बावजूद शिरडी के साईं दरबार में आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी और मंदिर अपने नियमित समय के अनुसार खुला रहेगा.
बहरहाल, प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1835 को महाराष्ट्र के पाथरी नाम के गांव में हुआ था. हर साल 28 सितंबर को श्रद्धालु धूमधाम से साईं बाबा का जन्मदिन मनाते हैं. कहा जाता है कि 16 साल की उम्र में ही साईं बाबा महाराष्ट्र के शिरडी ग्राम पहुंचे और यहां वो एक फकीर के तौर पर अपना जीवन व्यतीत करने लगे. हालांकि उनके माता-पिता के असली नाम के बारे में कोई नहीं जानता है.