मध्य प्रदेश: पानी को लेकर हुए विवाद में महिला को जिंदा जलाया, पीड़िता की हालत नाजुक, ससुराल वालों पर आरोप
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- File Photo)

बैतूल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिला (Baitul) मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर बडोरा में पानी भरने को लेकर हुए मामूली विवाद (Dispute over water) में एक महिला को गुरुवार सुबह कथित रूप से उसी के ससुराल वालों ने जिंदा (A Woman has burnt alive) जला दिया. महिला 80 से 85 प्रतिशत जल गई और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. बैतूल बाजार थाना प्रभारी भैयालाल उइके ने बताया कि बडोरा स्थित कृष्णा नगर निवासी द्वारका बाई (40) को आज सुबह केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया गया.

उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे भोपाल रेफर किया गया. उइके ने बताया कि पीड़ित महिला ने अपने ससुर भादिया साहू, सास रामरति बाई, देवरानी लल्ली बाई साहू, देवर राजेंद्र साहू एवं भोला साहू पर उसे जिंदा जलाने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि उसकी शिकायत पर इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इसी बीच, बैतूल जिला अस्पताल के डॉक्टर सुरेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि वह करीब 80 से 85 प्रतिशत तक जल गई है. यह भी पढ़ें: बिहार: ससुराल वालों ने बहु को जिंदा जलाने की कोशिश की, मौके पर पहुंची पुलिस ने बचाई जान

उइके ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले का जायजा लिया. जानकारी के मुताबिक, पीड़ित महिला और आरोपी पक्ष के लोग एक साथ रहते थे. कुछ महीने पहले वे अलग हो गए. पीड़ित के हिस्से में सेप्टिक टैंक आया और आरोपी पक्ष के हिस्से में पानी का नल आया.  उन्होंने कहा कि आरोपी पक्ष द्वारा पीड़ित पक्ष को नल से पानी नहीं भरने दिया जा रहा था. वहीं, सेप्टिक टैंक का उपयोग पीड़ित पक्ष के द्वारा आरोपी पक्ष को नहीं करने दिया जा रहा था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद था.

उइके ने बताया कि गुरुवार सुबह जब महिला पानी भरने के लिए नल पर गई तो दोनों पक्षों में इसको लेकर विवाद हो गया. आरोपी पक्ष के लोग भी सेप्टिक टैंक को तोड़ने पहुंच गए. विवाद इतना बढ़ा कि द्वारका बाई को आरोपियों ने केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया, जिससे वह बुरी तरह से झुलस गई.

उन्होंने कहा कि जब आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया, उस समय पीड़ित महिला के पति राजू साहू और उनके बच्चों को आरोपियों ने घर के अंदर बंद कर दिया था.  जैसे-तैसे वह बाहर निकले.

इसी बीच, पीड़ित महिला के पति राजू साहू ने बताया कि घर के बाहर निकलते ही उसने अपने बच्चों के साथ मिलकर अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. वह गंभीर रूप से झुलस चुकी थी.