Shocking: फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन के दौरान 27 वर्षीय महिला ने तोड़ा दम, इलाज के लिए डॉक्टरों ने शव को दूसरे अस्पताल भेजा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में कुछ ऐसा घटित हुआ, जो डॉक्टरों के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहा है. शनिवार को यहां जेपी अस्पताल (JP Hospital) में परिवार नियोजन ऑपरेशन (Family Planning Operation) के दौरान एक महिला की मौत हो गई, लेकिन ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों ने सच पर पर्दा डालने के लिए न केवल परिवार को गुमराह किया बल्कि शव को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया.
भोपाल: डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप भी माना जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में कुछ ऐसा घटित हुआ, जो डॉक्टरों के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहा है. शनिवार को यहां जेपी अस्पताल (JP Hospital) में परिवार नियोजन ऑपरेशन (Family Planning Operation) के दौरान एक महिला की मौत हो गई, लेकिन ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों ने सच पर पर्दा डालने के लिए न केवल परिवार को गुमराह किया बल्कि शव को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया. उधर, शिकायत मिलने पर जिला सिविल सर्जन ने जांच शुरू कर दी है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक महिला के पति प्रकाश ने आरोप लगाया है कि ऑपरेशन थियेटर में ही उसकी पत्नी की मौत हो गई थी, लेकिन तब भी महिला को हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) यह कहते हुए रेफर कर दिया गया कि वह अभी भी जीवित है. बिहार के जिस ऑपरेशन थियेटर में हुआ था मोतियाबिंद का इलाज, वहां हुई जीवाणु संक्रमण की पुष्टि, 11 मरीजों की निकालनी पड़ी थी आंख
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्रवाई से बचने के लिए डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित नहीं किया और परिजनों से एंबुलेंस बुलाने को कहा. आरोप है कि नसबंदी (Sterilization) के लिए ऑपरेशन थियेटर ले जाने के कुछ मिनट बाद ही 27 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी.
जानकारी के मुताबिक बरखेड़ा निवासी प्रकाश की पत्नी मुस्कान शनिवार को सरकार की परिवार नियोजन योजना के तहत नसबंदी कराने जेपी अस्पताल पहुंची थी. तमाम जांच के बाद महिला को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया, कुछ देर बाद महिला का शरीर ठंडा होने लगा.
परिजनों ने आरोप लगाया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से खुद को बचाने के लिए जेपी अस्पताल के डॉक्टर ने कथित तौर पर मृत महिला को हमीदिया रेफर कर दिया. परिवार ने आरोप लगाया कि जेपी अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें बताया कि मुस्कान की नब्ज फिर चलने लगी है, और उन्हें जल्द ही हमीदिया अस्पताल ले जाना चाहिए. आरोप है कि परिवार की मदद करने के बहाने डॉक्टर ने अपनी सहयोगी नर्स के मोबाइल से 108 एंबुलेंस को फोन भी किया.
जिला सिविल सर्जन डॉ राकेश श्रीवास्तव (Dr Rakesh Srivastava) ने कहा “हम इस मामले की जांच कराएंगे. ऊपर से देखने पर यह बहुत जटिल लग रहा है. मौत का कारण ज्ञात होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.”