नई दिल्ली. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाएं सामने आयी थी. इसके बाद से सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) पूरी तरह सख्त नजर आ रही है. लखनऊ (Lucknow) में हुई हिंसा के बाद राज्य की बीजेपी सरकार द्वारा हिंसा करने वाले आरोपियों के पोस्टर जगह-जगह लगा दिए गए थे. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की गई थी जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान यूपी सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किये हैं. कोर्ट ने इसे कानूनन सही नहीं पाया है. यूपी सरकार को कोर्ट ने तुरंत पोस्टर हटाने का निर्देश भी दिया है.
ज्ञात हो कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई की गई थी और कोर्ट ने यूपी सरकार को पोस्टर हटाने का आदेश दिया था. यूपी की बीजेपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की पक्ष रखा था. यह भी पढ़े-CAA Protest: लखनऊ हिंसा के प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने के मामले में सोमवार को फैसला सुनाएगा हाईकोर्ट
ANI का ट्वीट-
Supreme Court refuses to stay Allahabad High Court order directing the concerned authorities to remove the posters of those accused persons allegedly involved in vandalism during the anti-CAA protests in Uttar Pradesh. https://t.co/WgjSCCkMBc
— ANI (@ANI) March 12, 2020
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने कड़े तेवर दिखाते हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए आरोपियों की पहचान करने के लिए उनकी तस्वीरें जगह-जगह लगा दी थी.