मुंबई पुलिस ने फर्जी दस्तावेज जमा करके 26.68 लाख रुपये का पर्सनल लोन लेने के आरोप में मंगलवार, 16 अप्रैल को छह लोगों पर मामला दर्ज किया. छह आरोपियों ने शहर के एक निजी बैंक से पर्सनल लोन लिया था. यह घोटाला तब सामने आया जब बैंक अधिकारियों को उनके आवेदनों और वीडियो केवाईसी में कुछ गड़बड़ी मिलीं. इसके बाद, उन्होंने आरोपियों के आधार कार्ड नंबरों का सत्यापन किया, तब जाकर पता चला कि यह एक घोटाला था. Chennai: 'कूरियर' के नाम पर ठगी का नया तरीका! पहले पुलिस बनकर महिला को डराया फिर बैंक खाते से उड़ाए 2.26 लाख रुपये.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी टीम को छह आवेदकों के लोन आवेदनों में विसंगतियां मिलीं. आवेदकों की पहचान अमित कुमार शर्मा, अभिषेक अग्रवाल, रमेश कुमार, वरुण शर्मा, विवेक सिंह और दर्शन सिंह के रूप में की गई.
अपनी शिकायत में, मैनेजर ने कहा कि उनकी टीम द्वारा गड़बड़ी को इंगित करने के बाद उन्होंने आवेदनों की जांच शुरू कर दी. उन्होंने पुलिस को बताया कि लोन आवेदन के साथ जमा की गई तस्वीरें वीडियो केवाईसी में आवेदकों के चेहरे से मेल नहीं खातीं. इसके बाद मैनेजर ने आवेदकों द्वारा दी गई जानकारी की जांच शुरू की. उन्होंने उनके आधार और पैन कार्ड का उपयोग करके सरकारी वेबसाइट पर उनकी जानकारी भी देखी.
मैनेजर ने दावा किया कि पहचान पत्र और आवेदन पत्र के साथ भेजे गए फोटो पर अलग-अलग तस्वीरें हैं, भले ही नाम और अन्य विवरण समान हैं. शिकायत में यह भी कहा गया है कि छह आवेदकों ने 5 लाख रुपये तक के पर्सनल ऋण के लिए आवेदन किया था, जिसकी राशि 26.68 लाख रुपये थी.
बैंक की औपचारिक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.