अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर तैयारियां जोरों में चल रही है. राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर ही पूरे अयोध्या को दुलहन की तरह सजाया जा रहा है. राम की नगरी अयोध्या खूबसूरत दिखेलता मंगेशकर चौक के पास दीवारों पर रामायण की कलाकृतियां बनाई गई.
Live Breaking News Headlines & Updates, January 16, 2024: अयोध्या में लता मंगेशकर चौक के पास दीवारों पर रामायण की कलाकृतियां बनाई गई
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह शुभ घड़ी में अब कुछ ही दिन शेष हैं. राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू होने जा रहे हैं.
Live Breaking News Headlines & Updates, January 16, 2024: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह शुभ घड़ी में अब कुछ ही दिन शेष हैं. राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू होने जा रहे हैं. आज प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान किया जाएगा. अयोध्या के सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान होगा. इसके बाद कल यानी 17 जनवरी को राम लला की मूर्ति का परिसर प्रवेश होगा. 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास संपन्न जोग. 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा. 20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास, 21 जनवरी की सुबह मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास होगा. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी.
समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे. काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे. 18 जनवरी को रामलला की श्यामवर्ण मूर्ति गर्भगृह में विराजित होगी. यह मूर्ति कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाई है.
गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा. श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है. इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है. समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं. उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे मां जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए. रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं.