नयी दिल्ली: राज्यसभा (Rajya Sabha) में शुक्रवार को विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा कर्ज के बोझ से दबे किसानों (Farmers) की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताए जाने के बीच सरकार ने आश्वासन दिया कि 7.5 करोड़ किसानों को संस्थागत रिण के दायरे में लाने के लिए जन-धन खाते की तर्ज पर किसान क्रेडिट कार्ड (Credit Cards) वितरित करने का अभियान छेड़ा जाएगा. उच्च सदन में भाजपा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर द्वारा कृषि और किसानों के बारे में लाए गए निजी संकल्प पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने यह आश्वासन दिया.
रूपाला ने कहा कि देश में करीब 14 करोड़ किसान हैं. इनमें से 6.5 करोड़ किसान संस्थागत रिण प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का प्रयास कर रही है कि शेष 7.5 करोड़ किसानों को संस्थागत रिण के दायरे में लाया जाए ताकि वे निजी सूदखोरों और महाजनों के ऋण जाल से बच सकें.
उन्होंने कहा कि सरकार ने जब जन-धन योजना शुरू की थी तब कई लोगों ने इस पर आशंकाएं जताई थीं, लेकिन 30 करोड़ लोगों द्वारा जन-धन खाता खोले जाने से दुनिया चकित रह गई. इसका यह भी अर्थ है कि इन 30 करोड़ लोगों ने जन-धन खाता योजना शुरू होने से पहले बैंक का मुंह ही नहीं देखा था. यह भी पढ़ें: पॉल्ट्री क्षेत्र में हुआ विकास, सालाना 100 अरब अंडों के उत्पादन की उम्मीद
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रूपाला ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जन-धन खाता योजना की तर्ज पर किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने के लिए भी मुहिम चलाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके तहत मामूली दस्तावेज उपलब्ध कराने पर किसान को 15 दिन के अंदर किसान क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा.
रूपाला ने कहा कि यदि भारत को विश्व शक्ति बनाना है तो किसानों को मजबूत करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दुगुना करने का सरकार का जो वादा है वह कोई चुनावी वादा नहीं है और सरकार इस लक्ष्य को हासिल करके ही रहेगी. उन्होंने कहा कि आज नीम लेपित यूरिया के कारण देश में खाद में कोई कमी नहीं है. देश के किसी भी प्रांत से खाद की कमी के चलते किसानों पर लाठियां चलाए जाने की कोई खबर नहीं आ रही है.