नई दिल्ली: केरल के वायनाड में भीषण बारिश के बीच लैंडस्लाइड ने तबाही मचाई है. भारी बारिश के बाद तीन स्थानों पर भूस्खलन की वजह से कम से कम 93 लोगों की जान चली गई है. सैकड़ों लोग लापता हैं और मरने वालों की संख्या के बढ़ने की आशंका है. वायनाड में तीन जगहों पर भूस्खलन रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच हुआ. भूस्खलन की वजह से कई घर, दुकानें और गाड़ियां मलबे के ढेर में दब गए. वहीं कई लोग इस इलाके से गुजरने वाली चलियार नदी में बह गए. बड़ी संख्या में लोग अभी लापता हैं. Wayanad Landslides: वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 93 लोगों की मौत, सीएम विजयन ने दिया लेटेस्ट अपडेट.
अरब सागर का बढ़ता तापमान लाया तबाही
वायनाड में हुई तबाही के बाद एक वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक ने बताया कि ऐसा आखिर हुआ क्यों? वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक ने कहा, "अरब सागर में तापमान बढ़ने से घने बादल बन रहे हैं, जिसके कारण केरल में कम समय में भारी बारिश हो रही और भूस्खलन होने का खतरा बढ़ रहा है."
कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीयूएसएटी) में वायुमंडलीय रडार अनुसंधान आधुनिक केंद्र के निदेशक एस. अभिलाष ने कहा कि सक्रिय मानसूनी अपतटीय निम्न दाब क्षेत्र के कारण कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कालीकट और मलप्पुरम जिलों में भारी वर्षा हो रही है, जिसके कारण पिछले दो सप्ताह से पूरा कोंकण क्षेत्र प्रभावित हो रहा है. उन्होंने बताया कि दो सप्ताह की वर्षा के बाद मिट्टी भुरभुरी हो गई है."
मेसोस्केल बना जानलेवा
एस. अभिलाष ने कहा कि सोमवार को अरब सागर में तट पर एक गहरी 'मेसोस्केल' मेघ प्रणाली का निर्माण हुआ और इसके कारण वायनाड, कालीकट, मलप्पुरम और कन्नूर में अत्यंत भारी बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरुप भूस्खलन हुआ.
अभिलाष ने कहा कि बादल बहुत घने थे, ठीक वैसे ही जैसे 2019 में केरल में आई बाढ़ के दौरान नजर आए थे. अभिलाष ने कहा कि हमारे शोध में पता चला कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर में तापमान बढ़ रहा है, जिससे केरल समेत इस क्षेत्र के ऊपर का वायुमंडल ऊष्मगतिकीय रूप से अस्थिर हो गया है.