भारतीय सेना (Indian Army) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. इस दौरान भारतीय सेना ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया. 1 अप्रैल को सुरक्षाबलों द्वारा शुरू किए गए इस ऑपरेशन "रंडोरी बेहक" (Operation Rangdouri Behak) में पांच भारतीय पैराट्रूपर्स शहीद हो गए. जिन पांच सैनिकों ने अपनी जान की बाजी लगाई उनमें हिमाचल प्रदेश के सूबेदार संजीव कुमार, उत्तराखंड के हवलदार देवेंद्र सिंह, हिमाचल प्रदेश के पैराट्रूपर बाल कृष्ण, उत्तराखंड के पैराट्रूपर अमित कुमार और राजस्थान के छत्रपाल सिंह हैं.
सेना का यह ऑपरेशन पांच दिनों से अधिक समय तक चला. आतंकवादी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) के थे. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अपने पांच जवानों को खोया. श्रीनगर स्थित 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि घुसपैठ 1 अप्रैल की सुबह हुई. कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर कुछ आतंकियों को घुसपैठ करते देखा गया. उसके बाद 1 अप्रैल को ही घुसपैठियों को मार गिराने के लिए ऑपरेशन लॉन्च किया गया.
सेना ने अपने पांच जवानों को खोया-
The 5 Army Special Forces soldiers who eliminated 5 terrorists in a high altitude hand-hand encounter in Kupwara in Kashmir near the LoC. Our entire squad, sadly, paid with their lives. pic.twitter.com/gAYm2vwekv
— Vishnu Som (@VishnuNDTV) April 6, 2020
1 अप्रैल की दोपहर सेना को आतंकियों की लोकेशन के बारे में जानकारी मिली लेकिन खराब मौसम और बर्फबारी के चलते जल्द ही उनका ये संपर्क टूट गया. इस बीच यह पता नहीं चल सका कि आतंकी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर लौट गए हैं या धुंध का फायदा उठाकर नियंत्रण रेखा के पास ही छिपे हुए हैं. दो दिनों तक सेना को कोई हरकत देखने को नहीं मिली.
2 और 3 अप्रैल को सेना लगातार इन आतंकियों की लोकेशन का पता लगाने में जुटे रही. इस ऑपरेशन में हेलिकॉप्टर और ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल भी किया गया. सेना ने कुछ इलाकों में अपने ड्रोन्स गिरा दिए. ड्रोन्स में गतिविधियों की तस्वीर मिलने के बाद सेना के जवानों से आगे मूव किया. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीरः कुपवाड़ा में हुई मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद, 5 आतंकवादी भी मारे गए.
कमांडिंग ऑफिसर का स्टेटमेंट-
#WATCH Indian Army infantry battalion Commanding Officer deployed in Keran sector on LoC says that they had launched OpRangduriBehak on Apr1 after detecting terrorist infiltration against terrorists who may have caused mayhem in hinterland in Kashmir valley. (Source: Indian Army) pic.twitter.com/IBL8i63I4a
— ANI (@ANI) April 6, 2020
सेना के एक बटालियन कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि उनकी बटालियन को 11,000 फीट की ऊंचाई पर कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बेहद कठोर इलाके में तैनात किया गया है. "1 अप्रैल को, हमने इलाके में होनी वाली घुसपैठ का पता लगाया और तुरंत ऑपरेशन शुरू कर दिया. हमारे जवानों ने खराब मौसम के बीच दिन-रात काम किया. हमारे जवान खराब मौसम में 70 डिग्री के ढलान और 6 से 10 फीट की बर्फ से गुजर रहे थे.
ऑपरेशन में भाग लेने वाले सिपाही ने क्या कहा-
#WATCH An Indian Army Special Forces soldier who took part in Op Rangdouri Behak in Keran sector on the Line of Control explains how JCO Subedar Sanjeev Kumar and his team eliminated the terrorists in close quarter combat after they were face to face there (Source: Indian Army) pic.twitter.com/6UxaPPMXBk
— ANI (@ANI) April 6, 2020
ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले भारतीय सेना के एक अन्य सिपाही ने कहा, "हम हेलिकॉप्टर की मदद उन्हें ट्रेस कर रहे थे. उनके पैरों के निशान के जरिए हम वहां तक पहुंचे. इसके बाद हमने पैदल उन्हें ट्रेस किया. रास्ते में 6 फीट से ज्यादा बर्फ थी हमारा शरीर आधे से ज्यादा बर्फ से ढका हुआ था. हमें वहां से बाहर निकलने और अपनी चीजों की जांच करने में आधा घंटा लग गया. मौसम बेहद खराब था हमने आतंकवादियों का पीछा किया. हमने चार-पांच घंटे तक उस रास्ते पर उनका पीछा किया जिसके बाद हमें उनकी मौजूदगी के संकेत मिले.
सिपाही ने कहा, "आतंकवादी वहां स्थित एक नाले में छिपे हुए थे. हम उसी स्थान से गुजर रहे थे इसी बीच अचानक बर्फ के खिसकने से सूबेदार संजीव की टीम के दो सदस्य उस नाले में फिसल गए जहां आतंकवादी थे. ये दो जवान बर्फ की एक परत पर खड़े हुए थे, जो अचानक से टूट गई और वे फिसलते हुए नाले में छिपे आतंकियों के सामने जा गिरे. इसके बाद सूबेदार संजीव उनकी मदद के लिए कूदे.
सिपाही ने बताया नाले में एक ओर आतंकवादी थे तो दूसरी और हमारे तीन जवान, आतंकियों और तीनों जवानों में पाइंट ब्लैक पर लड़ाई और गोलीबारी हो रही थी. सेना के जवानों और आतंकियों के बीच हाथापाई भी हुई. इसके बाद अचानक सूबेदार संजीव कुमार की टीम के दो अन्य जवान उन्हें बचाने के लिए वहां कूद गए. इस खतरनाक लड़ाई में सेना के पांचों जवान आतंकियों को मारने में कामयाब रहे, लेकिन वे खुद भी शहीद हो गए. पांच आतंकवादियों के ठिकाने से पाकिस्तान के खाने के पैकेट, कपड़े और सैन्य उपकरण बरामद हुए.