Krishna Janmashtami 2020: कृष्ण जन्माष्टमी पर भुवनेश्वर के इस्कॉन मदिर के बाहर भक्तों ने जलाए दीप, कोविड-19 की वजह से प्रवेश पर है प्रतिबंध
इस्कॉन मंदिर के बाहर दीप जलाते भक्त (Photo Credits: ANI)

भुवनेश्वर: पिछले साल की तरह इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का पर्व मनाया जा रहा है. देश के कुछ हिस्से में आज जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाई जा रही है, जबकि कुछ हिस्सों में कल कान्हा का जन्मोत्सव (Kanha Janmotsav) मनाया जाएगा. हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव को मनाने के लिए तमाम कृष्ण मंदिरों (Krishna Temples) में भव्य आयोजन किए जाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस पर्व की रौनक भी फीकी पड़ गई है. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) को ध्यान में रखते हुए मंदिरों में भक्तों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करते हुए इस पर्व को मनाने की अपील की गई है.

ओडिशा (Odisha) के भुवनेश्वर (Bhubaneshwar) स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKON Temple) में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन भक्तों को मंदिर के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. लिहाजा इस शुभ अवसर पर भक्त इस्कॉन मंदिर परिसर के बाहर दीप जलाते और कान्हा की पूजा करते नजर आए. मंदिर परिसर में दीप जलाकर प्रार्थना करने वाली एक भक्त दिप्तीमयी राउत का कहना है कि इस साल कोरोना वायरस के कारण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की एक झलक भी देखने को नहीं मिली. यह भी पढ़ें: Iskcon Temple: कृष्ण जन्माष्टमी से पहले वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में 22 पुजारी मिले COVID-19 पॉजिटिव, मंदिर को किया गया सील

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश स्थित वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी से पहले पुजारी सहित 22 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, जिसके बाद इस मंदिर को सील कर दिया गया है और मंदिर में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कोरोना संकट के कारण देश के तमाम मंदिरों में पुजारियों द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा की जा रही है, लेकिन भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.