नई दिल्ली: देश के कई इलाकों में खसरा (Measles) का खतरा बढ़ जा रहा है. महाराष्ट्र के बाद अब केरल (Kerala) में भी खसरे के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है. केरल का मलप्पुरम (Malappuram) खसरे से सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां अब तक 160 केस दर्ज किए गए हैं. हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक इस खसरे से यहां एक भी मौत नहीं हुई है. बढ़ते प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं, जन्म लेने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है: विशेषज्ञ.
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. जोस ने कहा कि आने वाले दिनों में खसरा के और अधिक फैलने की संभावना है. हम अधिक से अधिक टीका लगाने पर जोर दे रहे हैं.
महाराष्ट्र में इस साल की शुरुआत से खसरे के मामलों की संख्या 700 के ऊपर पहुंच गई है, जिसमें 313 मामले मुंबई में ही हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जानकारी दी कि बच्चों को अधिक प्रभावित करने वाले इस वायरल संक्रमण से अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है. मुंबई राज्य में खसरे से सर्वाधिक प्रभावित है. आधिकारिक बयान के अनुसार, अकेले मुंबई में 28 नवंबर तक खसरे से 10 लोगों की मौत हो चुकी है.
WHO की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व के विभिन्न भागों में खसरा फैलने की चेतावनी जारी की है. कोविड-19 के दौर में खसरे के टीकाकरण और इसके प्रसार पर निगरानी में कमी के कारण यह खतरा बढ़ा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र से कल जारी संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार कोविड महामारी के चलते पिछले साल चार करोड़ से अधिक बच्चों को खसरे का टीका नहीं लग पाया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2021 में 22 देशों में खसरे से 90 लाख लोगों के ग्रस्त होने और एक लाख 28 हजार की मौत होने का अनुमान है. टीकाकरण से खसरे की पूरी तरह रोकथाम संभव है. इसका फैलाव रोकने के लिए 95 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण जरूरी है.
क्या हैं खसरा और इसके लक्षण
मीजल्स या खसरा बचपन में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसमें बच्चों को बुखार, नाक बहना और चेहरे पर लाल चकत्ते निकल आते हैं. खसरे या मीजल्स को वैक्सीन के माध्यम से खत्म करने की बहुत कोशिश हो रही है लेकिन अब तक यह बच्चों में होता है. समय पर अगर खसरे का इलाज न किया जाए तो इससे मौत भी हो सकती है.
अगर किसी बच्चे में खसरा है तो संक्रमण के 8 दिनों बाद यह किसी दूसरे बच्चे को संक्रमित कर सकता है. इस समय तक पहले संक्रमित बच्चे में रेशेज नहीं दिखते हैं. इसके बावजूद इस बच्चे से अन्य बच्चे में खसरा को संक्रमण हो सकता है.