अदालत ने कहा कि भले ही आरोप गंभीर थे, लेकिन कुछ तथ्यों ने उन्हें संदेह में डाल दिया, जब आरोपी के वकील ने कहा कि ऐसी बातें मुख्य रूप से इसलिए उठाई जा रही हैं क्योंकि माता-पिता ने पीड़ित द्वारा कोरियाई पॉप बैंड बीटीएस का फॉलो करने पर आपत्ति जताई थी, जो उनके अनुसार गैर इस्लामी था.
अदालत ने कहा, ''कुछ परिस्थितियां हमें इस निष्कर्ष पर ले जाती हैं कि ऐसी संभावना है कि आरोप झूठे हो सकते हैं. इस मामले में कोई निष्कर्ष निकालना इस अदालत के लिए उचित नहीं हो सकता है. याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी पर विचार करते समय इस बात पर विचार किया जा सकता है कि क्या याचिकाकर्ता को जमानत दी जा सकती है.'' वकील ने यह भी बताया कि व्यक्ति ने 14 वर्षीय बेटी को वायनाड की स्कूल यात्रा पर जाने से मना किया था, जबकि उसने छोटी बेटी को जाने की अनुमति दी थी. यह भी पढ़ें : ‘Mission-2024: नीतीश कुमार ‘मिशन-2024’ में व्यस्त, माफिया बना रहे पुलिस को निशाना
आगे बताया गया कि नाबालिग लड़की की चाची ने उसे शिकायत दर्ज करने के लिए उकसाया था. 6 दिसंबर से पिता न्यायिक हिरासत में थे और अब जब जांच पूरी हो गई है तो अदालत ने उन्हें जमानत दे दी, लेकिन उस व्यक्ति से कहा कि वह अपनी बेटी से किसी भी तरह से संपर्क न करे और उसे डराए नहीं.