
किसी भी नई फिल्म को देखने से पहले आप उसके रिव्यूज जरूर चेक करते होंगे. अधिकांश लोग मूवी के रिव्यू देखने के बाद ही मूवी देखने जाते हैं. इसका फिल्म के कलेक्शन पर प्रभाव पड़ता है. इसी मुद्दे को लेकर केरल हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी ने सिफारिश की है कि किसी भी फिल्म की रिलीज के 48 घंटों के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी. एमिकस क्यूरी रिपोर्ट में 'रिव्यू बॉम्बिंग' से संबंधित शिकायतें प्राप्त करने के लिए साइबर कोशिकाओं पर एक समर्पित पोर्टल गठित करने का सुझाव दिया गया है.' Shocking! ऑनलाइन शॉपिंग से सावधान! नकली ब्रांड बेचने के लिए Amazon पर लगा 25 लाख रुपये का जुर्माना.
केरल हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी के श्माय पैडमैन की ओर पेश की गई रिपोर्ट में उन लोगों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया गया है, जो सोशल मीडिया पर फिल्मों को लेकर नकारत्मक समीक्षा करते हैं. हाई कोर्ट ने कहा है- कुछ ऐसे लोग हैं जो फिल्म की रिलीज होने के साथ ही सोशल मीडिया पर उसका रिव्यू करते हैं.
बताया गया है कि एक तबका पैसों और इनाम के लालच में ऐसा करता है और जिनको ये सब नहीं मिल पाता है तो वह उस मूवी के खिलाफ नेगेटिव रिव्यू करने लगते हैं. इस वजह से रिव्यू बॉम्बिंग के मामले काफी बढ़ते हैं. ऐसे में इन पर रोकथाम के लिए अब से फिल्म की रिलीज के 48 घंटों तक उसका रिव्यू नहीं किया जाएगा.
एमिकस क्यूरी रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की कि समीक्षकों को रचनात्मक आलोचना करनी चाहिए और अभिनेताओं, फिल्म निर्माताओं और अन्य लोगों के खिलाफ अपमानजनक भाषा, व्यक्तिगत हमलों या अपमानजनक टिप्पणियों से बचना चाहिए. फिल्म की आलोचना करने की बजाय रचनात्मक आलोचना की जानी चाहिए.