Kashi Tamil Sangamam 3.0: विदेश मंत्री जयशंकर बोले - भारतीय ज्ञान ला सकता है बड़ा बदलाव
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वाराणसी, 23 फरवरी : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि देश आज प्रौद्योगिकी के स्रोत के रूप में अपनी वैश्विक स्थिति को फिर से प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है. काशी तमिल संगमम 3.0 में प्रतिनिधियों और विदेशी राजनयिकों संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है, क्योंकि परंपरा प्रौद्योगिकी में मदद कर सकती है.

योग और पारंपरिक दवाओं के लाभों का हवाला देते हुए, मंत्री ने कहा कि परंपरा को फिर से खोजना और उसका प्रचार करना हम पर निर्भर है. कार्यक्रम में भाग लेने वाले राजदूतों से मंत्री ने कहा कि काशी शायद सबसे पुराना, लगातार आबाद रहने वाला शहर है और हम यहां इसलिए आए हैं क्योंकि यह एक सांस्कृतिक धरोहर है और देश के हर हिस्से के लोग, खासकर तमिल, इससे जुड़ते हैं. यह भी पढ़ें : सदन में मजबूती से विपक्ष की भूमिका निभाएंगी आतिशी, भाजपा के वादों को नहीं बनने देंगे जुमला: गोपाल राय

मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का विषय भारत के सात बड़े संतों में से एक, संत अगस्त्य की उपलब्धियों का जश्न मनाना है. उन्हें तमिल भाषा के निर्माण, सिद्धि चिकित्सा की स्थापना का श्रेय दिया जाता है. जयशंकर ने कहा कि राजदूतों के रूप में, जिन्हें भारत में क्या हो रहा है, इसे समझने की जरुरत है, ऐसे अवसर महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, "यह इस बात का उदाहरण है कि एक राष्ट्र के तौर पर हम कैसे हैं. एक अंतर्निहित विश्वास, संस्कृति, इतिहास और परंपरा है जो हम सभी को एक साथ रखती है." उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राजदूतों को इसकी एक झलक दिखाना है.

इससे पहले शनिवार को विदेश मंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय साहित्य महोत्सव को संबोधित किया और भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए यूएसएआईडी फंड के इस्तेमाल की जानकारी पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि राष्ट्र को 'दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों' से जुड़े लोगों के बारे में जानने का हक है. विदेश मंत्री ने कहा कि उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि ऐसी गतिविधियां थीं जिनका एक निश्चित उद्देश्य एक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना था.