नयी दिल्ली, 18 मई: कर्नाटक में सियासी तस्वीर को साफ करते हुए कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि कर्नाटक की सत्ता का ताज सिद्धरमैया के सिर पर सजेगा और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार नई सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. बेंगलुरू में 20 मई को शपथ ग्रहण का आयोजन होगा. बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में शपथ ग्रहण की तैयारी चल रही है. Karnataka: सिद्धरमैया के आवास के बाहर, उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल.
कई दिनों तक चली अनिश्चितता पर विराम लगाते हुए पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने आज यह घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होने के साथ अगले लोकसभा चुनाव तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी बने रहेंगे.
बेंगलुरु में होगा शपथ ग्रहण
#WATCH | Preparations are underway at Bengaluru's Sree Kanteerava Stadium where swearing-in ceremony of the new Karnataka government is expected to be held on 20th May pic.twitter.com/PRYVNlXDdx
— ANI (@ANI) May 18, 2023
कांग्रेस के कर्नाटक मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 20 मई को बेंगलुरु में शपथग्रहण होगा. वेणुगोपाल के मुताबिक, सिद्धरमैया और शिवकुमार के साथ कई और मंत्री भी शपथ लेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि कि शपथ ग्रहण समारोह में समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है.
सिद्धरमैया और शिवकुमार को कर्नाटक में कांग्रेस के लिए बड़ी 'पूंजी ' बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों की जोड़ी का विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा. सत्ता में हिस्सेदारी के फार्मूले से जुड़े सवाल पर वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस के लिए एकमात्र फार्मूला यही है कि सत्ता में जनता की साझेदारी सुनिश्चित करना है.
बेंगलुरु में आज शाम सात बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें सिद्धरमैया को औपचारिक रूप से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जाएगा और फिर राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा.
उधर, सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार देर रात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के.सी. वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ मंत्रणा की और फिर सिद्धरमैया और शिवकुमार को इस फार्मूले पर राजी किया गया.
इस फार्मूले पर सहमति बनने के बाद सिद्धरमैया और शिवकुमार ने बृहस्पतिवार सुबह खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की. सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर जारी की है जिसमें खरगे विजयी मुद्रा में दोनों नेताओं का हाथ पकड़े नजर आ रहे हैं. कर्नाटक में पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए पिछले तीन दिनों से कांग्रेस में गहन मंथन का दौर जारी था.
सिद्धरमैया और डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अलग अलग मुलाकात की थी . फिर बुधवार रात शिवकुमार ने सुरजेवाला के आवास पर मुलाकात की तथा इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के आवास पर कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल और सुरजेवाला ने उनसे चर्चा की. वेणुगोपाल के आवास पर फिर से विचार विमर्श का दौर चला.
मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बने संशय के बीच पार्टी ने बुधवार को अपने नेताओं को बयानबाजी से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा था कि अगर वे ऐसा करते हैं तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.
सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं और वह मई 2013 से मई 2018 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कभी जनता दल और जनता दल (सेक्युलर)का हिस्सा रहे सिद्धरमैया दो बार राज्य के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. पिछली विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे.
कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. वह पिछले करीब तीन वर्षों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वह प्रदेश में कांग्रेस की पिछली कुछ सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देने के साथ ही उन्हें कुछ महत्वपूर्ण विभाग भी सौंपे जा सकते हैं. कांग्रेस विधायक दल की गत रविवार शाम बेंगलुरु के एक होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष खरगे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया था.
राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं.