मंगलुरु (कर्नाटक), 4 अप्रैल : सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील दक्षिण कन्नड़ (Dakshina Kannada) के मुल्की के निकट कवाथारू गांव में एक मुस्लिम व्यक्ति कोरागज्जा मंदिर (Koragadja Temple) में कई वर्षों से पूजा-अर्चना करता आ रहा है. उसने यह मंदिर अपने घर के निकट ही स्थापित की है. मूल रूप से केरल के पलक्कड़ जिले के चिट्टालानचेरी के 65 वर्षीय पी कासिम तीन दशक पहले मुल्की आ गए थे. कासिम ने बताया कि जब वह जीवन में दिक्कतों का सामना कर रहे थे तो उन्होंने एक पुजारी से संपर्क किया था और उन्हीं की सलाह पर उन्होंने कोरगज्जा मंदिर स्थापित की. तुलुनाडु क्षेत्र में शिव का एक रूप मानेजाने वाले कोरगज्जा भगवान की पूजा होती है.
पुजारी ने बताया कि उनसे पहले संबंधित मकान में रह रहे लोग कोरगज्जा की पूजा करते थे. इनके बारे में लोगों का विश्वास है कि यह भगवान उनकी परेशानियों को दूर करते हुए उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं. इसके बाद उन्होंने घर के निकट एक स्थान देखकर मंदिर बना लिया. उन्होंने बताया कि गांव में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले करीब 50 लोग यहां प्रार्थना करने के लिए आते हैं. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा MNS नेता की हत्या का आरोपी
कासिम यहां पूजा-अर्चना करते हैं और खास पूजा या अवसर पर चंदन की लेई प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटते हैं. कासिम ने बताया कि जैसे ही उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू की, उन्होंने मांसाहारी भोजन का त्याग कर दिया. उन्होंने कहा कि कोरगज्जा के ‘दर्शन’ होने के बाद उन्होंने मस्जिद जाना बंद कर दिया. हालांकि, उनके बच्चे मस्जिद जाते हैं लेकिन उनका कोरगज्जा में भी बड़ा विश्वास है.