बेंगलुरु, 13 अप्रैल: कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दो सूचियों में 212 उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बीजेपी में बगावत की स्थिति पैदा हो गई है. टिकट ना मिलने से नाराज कुछ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है जबकि कुछ अन्य दलों से चुनाव लड़ने की तैयारी है. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेता असंतोष की इस आंच को कम करने में जुट गए हैं. Karnataka Muslim Reservation: 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण खत्म किए जाने की याचिका पर SC ने बोम्मई सरकार को जारी किया नोटिस.
कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी के नेताओं में नाराजगी है और इसका फायदा विपक्ष को मिलेगा. गुंडू राव ने कहा, 'बीजेपी ने जिस तरह से कर्नाटक में चुनावी टिकट बांटे हैं, उससे राज्य में अपनी नकारात्मक छवि बनी है. लोग नाखुश हैं, और उनके नेता बगावत कर रहे हैं और इस्तीफा दे रहे हैं. जब हमारा विपक्ष अव्यवस्थित होता है, तो यह हमारे लिए एक बड़ा लाभ होता है. हम एकजुट हैं, अच्छा कर रहे हैं, इतने सारे टिकटों की घोषणा की. हमारा कैंपेन भी बेहतर है.
कांग्रेस को मिलेगा फायदा?
The way BJP has distributed election tickets in Karnataka has created a negative image for itself in the state. People are unhappy, and their leaders rebelling and quitting. When our opposition is in disarray, it's a big advantage for us. We are united, doing well, announced so… pic.twitter.com/dfPghuwwXU
— ANI (@ANI) April 13, 2023
बता दें कि कई दौर के विचार-विमर्श के बाद भाजपा ने मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची और बुधवार रात 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. राज्य विधानसभा में कुल 224 सीटे हैं. पार्टी ने अभी तक 12 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है.
बीजेपी के नेताओं में बढ़ी नाराजगी
मुडिगेरे से तीन बार के विधायक एम पी कुमारस्वामी ने और हावेरी से विधायक नेहरू ओलेकर ने टिकट नहीं मिलने के बाद गुरुवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की.
कुमारस्वामी ने भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वह विधायक के तौर पर भी विधानसभा अध्यक्ष को जल्द ही अपना इस्तीफा सौंप देंगे. अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 65 वर्षीय ओलेकर दो बार के विधायक हैं. पार्टी द्वारा की गई अनदेखी से खफा ओलेकर ने सड़क पर उतर समर्थकों के साथ प्रदर्शन भी किया.
ओलेकर की जगह हावेरी (एससी) निर्वाचन क्षेत्र में गविसिद्दप्पा दयामनवर को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. ओलेकर ने दावा किया कि हजारों भाजपा कार्यकर्ता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.
नेताओं की नाराजगी पर का बोले सीएम?
पार्टी में मचे इस घमासान पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘‘टिकट पाने की उम्मीद रखने कुछ नेताओं और विधायकों ने इस्तीफे की घोषणा की है. कुछ ने इस्तीफा भी दे दिया है. हम कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात कर रहे हैं और चीजों को कुल मिलाकर हल किया जाएगा. मैं वरिष्ठों (जो असंतुष्ट हैं) से बात कर रहा हूं, हमारा आलाकमान भी उनसे बात करेगा. मुझे विश्वास है कि चीजें हल हो जाएंगी.’’
तटीय शहर मंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ समय में स्थितियां सामान्य हो जाएंगी. वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी द्वारा पार्टी छोड़ने की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर बोम्मई ने कहा, ‘‘... उन्हें निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के विश्वास को बनाए रखना होगा, जिनकी वजह से वह दबाव में होंगे. इसलिए इसमें कुछ समय लगेगा, लेकिन इसे हल कर लिया जाएगा.’’
सावदी के कांग्रेस नेताओं के संपर्क में होने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है लेकिन उन्हें विश्वास है कि चीजें ठीक हो जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘‘एक भावनात्मक बंधन है, हो सकता है कि सावदी ने गुस्से में बातें कही हों.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीदवारों का चयन ‘सर्वेक्षण रिपोर्ट’ के आधार पर किया गया है और वह मुडिगेरे के विधायक कुमारस्वामी से भी बात करेंगे और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि वह पार्टी में बने रहें.
बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि कुछ स्थानों पर पार्टी के चंद सदस्यों के बीच असंतोष है और कुछ बयान भी सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि वह सभी से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें भाजपा के साथ सहयोग करना चाहिए. मैं कल से उनसे (असंतुष्ट) बात कर रहा हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भ्रम नहीं हो. संभवत: एक या दो मामलों के अलावा चीजें सुलझ जाएंगी और मुझे विश्वास है कि वे सहयोग करेंगे.’’
येदियुरप्पा ने भी कहा कि वह कुमारस्वामी से बात करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने उन्हें चीजों से वंचित नहीं किया है. हमने उसे सब कुछ दिया है. इस्तीफा देना आसान है. उन्हें हल्की बातें नहीं करनी चाहिए.’’
हावेरी में टिकट पाने से वंचित रह गए ओलेकर ने कहा, ‘‘मेरे साथ करीब 1,000 समर्थक इस्तीफा दे रहे हैं. हम इसे (इस्तीफा पत्र) जिला अध्यक्ष को भेजेंगे. मुझे जद (एस) सहित अन्य दलों से फोन आए हैं. मैं अपने समर्थकों और मतदाताओं से बात करने के बाद फैसला करूंगा.’’
कई नेताओं ने दिया इस्तीफा
तुमकुरु शहर से टिकट के आकांक्षी पूर्व विधायक सोगाडू शिवन्ना ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि पार्टी ने उनकी जगह जीबी ज्योति गणेश को मैदान में उतारने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि उनके समर्थकों और मतदाताओं ने उनसे चुनाव लड़ने के लिए कहा है और वह 20 अप्रैल से पहले अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. वह अथानी से टिकट मिलने की उम्मीद थी. मंत्री और दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया निर्वाचन क्षेत्र से छह बार के विधायक एस अंगारा ने फिर से टिकट ना मिलने पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की.
उडुपी के विधायक रघुपति भट ने कहा है कि वह पार्टी द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार से बहुत दुखी हैं. रानेबेन्नूर विधानसभा सीट के लिए आकांक्षी भाजपा एमएलसी आर शंकर ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि पार्टी ने उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया था.
होसदुर्ग से विधायक गूलीहट्टी शेखर ने कहा है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या पूर्व मंत्री एवं खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी के नवगठित कल्याण राज्य प्रगति पक्ष में शामिल होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने समर्थकों से विचार-विमर्श करने के बाद जल्द फैसला करूंगा.’’