भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) इस बार कर्नाटक चुनाव आयोग (Karnataka Election Commission) के एम्बेसडर और आइकॉन है लेकिन वह इस बार 18 अप्रैल को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अपना वोट नहीं डाल पाएंगे. उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था और बाद में दोबारा शामिल नहीं किया गया. इससे पहले द्रविड़ ने हर बार चुनाव में वोट डाला है. टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए चुनाव आयोग के एक ऑफिसर ने कहा कि, " हमें हैरानी है कि इस बार द्रविड़ वोट नहीं डाल पाएंगे."
दरअसल, राहुल द्रविड़ के भाई विजय ने 31 अक्टूबर, 2018 को द्रविड़ और उनकी पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से हटवाने के लिए एक फॉर्म जमा किया था. उन्होंने बताया था कि द्रविड़ और उनकी पत्नी विजेता अब इंदिरानगर से आरएमवी एक्सटेंशन के अश्वथनगर में शिफ्ट हो चुकें हैं. इसके बाद द्रविड़ और उनकी पत्नी के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए गए थे. डोम्लूर सब डिवीज़न के सहायक निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारी बासावराजू मागी ने इस बात की पुष्टि की कि द्रविड़ के भाई विजय ने डिलीशन फॉर्म जमा किया था. उन्होंने बताया कि, "नाम हटवाने के बाद राहुल द्रविड़ ने नाम दोबारा शामिल करवाने के लिए फॉर्म 6 नहीं भरा था. अगर उन्होंने फॉर्म 6 भरा होता तो उनका नाम वोटर लिस्ट में होता."
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इसके बाद स्पेशल ड्राइव के दैरान कुछ ऑफिसर राहुल द्रविड़ के घर भी गए थे लेकिन उन्हें घर में एंट्री नही मिली. उन्हें बताया गया कि राहुल द्रविड़ देश से बाहर गए हुए हैं और उन्होंने अपना नाम वोटर लिस्ट में डालने का कोई संदेश नहीं दिया है. द्रविड़ ने बाद में बासावराजू मागी से संपर्क किया और पूछा कि क्या उनका नाम इंदिरानगर वोटिंग लिस्ट में शामिल हो सकता है. मागी ने इस बारे में कहा कि, "द्रविड़ स्पेन में थे लेकिन वह किसी भी कीमत पर वोट डालना चाहते थे. दुर्भाग्यवश उनका नाम शांतिनगर की वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था. मैंने उन्हें बताया कि अगर वह चाहते हैं कि उनका नाम शांतिनगर वोटिंग लिस्ट में हो तो उन्हें फॉर्म 6 जमा करना होगा और ऐसा 23 अप्रैल के बाद ही हो सकता है जब चुनाव आयोग इसकी अनुमति देगा."