कर्नाटक: बारिश के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना, भगवद् गीता के श्लोकों का पाठ करके भक्त कर रहे हैं प्रार्थना

कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्थित गणपति मंदिर में इकट्ठा होकर भक्त बारिश के लिए पूजा-अर्चना करते नजर आए. इस मंदिर में भगवान की पूजा-अर्चना के साथ ही सभी भक्त भगवद् गीता के श्लोकों का पाठ करते दिखाई दिए. इन लोगों ने मानसून को मनाने और अच्छी बारिश की कामना के लिए भगवद् गीता के श्लोकों को पढ़कर भगवान से प्रार्थना की.

मानसून को मनाने के लिए पूजा (Photo Credits: ANI)

बेंग्लुरु: चक्रवात वायु (Cyclone Vayu) के कारण दक्षिण भारत में मानसून (Monsoon) की रफ्तार प्रभावित हुई है और यह बहुत ही सुस्ती के साथ आगे बढ़ रहा है. मानसून की सुस्त गति ने कर्नाटक (Karnataka) के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. कर्नाटक में बादलों की बेरुखी और मानसून की सुस्ती के कारण लोग भगवान की शरण में पहुंच गए हैं. यहां कई मंदिरों में अच्छी बारिश की कामना के लिए खास पूजा और हवन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा (Shivamogga) में स्थित गणपति मंदिर (Ganapathi Temple) में इकट्ठा होकर भक्त बारिश के लिए पूजा-अर्चना करते नजर आए.

इस मंदिर में भगवान की पूजा-अर्चना के साथ ही सभी भक्त भगवद् गीता (Bhagavad Gita) के श्लोकों का पाठ करते दिखाई दिए. इन लोगों ने मानसून को मनाने और अच्छी बारिश की कामना के लिए भगवद् गीता के श्लोकों को पढ़कर भगवान से प्रार्थना की.

बारिश के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना- 

बता दें कि भारतीय संस्कृति में बारिश के देवता वरुण देव के आह्वान के लिए जप, तप और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व बताया जाता है. इसी के मद्देनजर भक्तों ने भगवान को खुश करने के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया. यह भी पढ़ें: चेन्नई: 'बस डे' के मौके पर बस की छत पर सफर कर रहे थे छात्र, अचानक लगा ब्रेक और गिरे औंधे मुंह, देखें Video

दरअसल, मानसून की बेरूखी की वजह से कर्नाटक के अधिकांश जिले सूखे की चपेट में आ गए हैं. इस राज्य के सभी जिलों में गर्मी अपना प्रकोप दिखा रही है और हजारों गांव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. राज्य के सभी छोटे-बड़े जलाशयों में पानी की स्तर काफी कम हो गया है.

गौरतलब है कि मौसम विभाग ने पहले ही कहा था कि इस बार दक्षिण-पश्चिमी मानसून के आने में देरी हो सकती है. ऐसे में भीषण गर्मी और जल संकट का सामना कर रहे लोगों के पास भगवान की शरण में जाने के अलावा दूसरा और कोई विकल्प नहीं है. पूजा-पाठ कर रहे लोगों को अब यही उम्मीद है कि उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान अच्छी बारिश करेंगें और उन्हें इस परेशानी से निजात दिलाएंगे.

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