Karnataka Dal Rates: कर्नाटक में दालों के दाम में तेजी, सरकार ने लागू की भंडारण सीमा

एक किसान नेता परमशिवैया ने बताया कि मानसून से अभी भी उम्मीद है क्योंकि यह जुलाई से शुरू होगा. हालांकि राज्य में पिछले साल की तुलना में कम बारिश हुई है, लेकिन किसानों ने कलबुर्गी, बीदर जैसे उत्तरी कर्नाटक के जिलों में बड़ी मात्रा में अरहर दाल और अन्य दालें बोई हैं.

Siddaramaiah (Photo: PTI)

बेंगलुरु: दालों की बढ़ती कीमतों से परेशान कर्नाटक की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार ने इनके लिए भंडारण सीमा लागू कर दी है. दालों, खासकर अरहर दाल की कीमत 100 रुपये से बढ़कर 200 रुपये हो गई है, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है. अन्य सभी दलहनों जैसे उड़द दाल, कुलथी दाल और चने की कीमतों में भी 30 से 40 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई है.

बेंगलुरु कृषि उत्‍पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के व्यापारी धर्मेश ने आईएएनएस को बताया कि बारिश नहीं होने से दालों के दाम बढ़े हैं. UCC पर बोले बीजेपी सांसद रविशंकर, जैसे 370 खत्म हुआ वैसे ही यूनिफॉर्म सिविल कोड भी लागू होगा

उन्होंने कहा, "ऐसी आशंका है कि इस साल मॉनसून विफल हो सकता है और कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा सकती है. अब बारिश के मौसम की बची अवधि से उम्‍मीदें हैं. किसानों को नवंबर और दिसंबर में अच्छी दूसरी फसल काटनी होगी. पिछले साल की तुलना में कीमतें कमोबेश ज्‍यादा रहेंगी. अरहर दाल थोक बाजार में 140 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रही है."

एक किसान नेता परमशिवैया ने बताया कि मानसून से अभी भी उम्मीद है क्योंकि यह जुलाई से शुरू होगा. हालांकि राज्य में पिछले साल की तुलना में कम बारिश हुई है, लेकिन किसानों ने कलबुर्गी, बीदर जैसे उत्तरी कर्नाटक के जिलों में बड़ी मात्रा में अरहर दाल और अन्य दालें बोई हैं.

उन्होंने बताया, "इन क्षेत्रों में पहले ही एक बार अच्छी बारिश हो चुकी है, अब उन्हें एक और दौर की बारिश की जरूरत होगी. एक बार जुलाई के पहले सप्ताह से मानसून शुरू हो जाएगा, तो कीमतों में बढ़ोतरी की चिंता और डर गायब हो जाएगा."

इस बीच, खाद्य विभाग के अधिकारी एपीएमसी का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार शाम को खरीददारों और भंडारकों की बैठक बुलाई है. अधिकारियों ने खुदरा बाजार में अत्यधिक मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा तय कर दी है.

सूत्रों ने कहा कि भंडारक अधिक कीमत बढ़ने की उम्मीद और अधिक मुनाफे पर नजर रखते हुए बाजार में दालों की आवक नियंत्रित किए हुए हैं. कांग्रेस सरकार के सूत्रों ने कहा कि वह मूल्‍य वृद्धि पर लगाम लगाएगी और गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से उत्पन्न सद्भावना को खराब नहीं करना चाहेगी.

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