बेलगावी (कर्नाटक), 5 मार्च : कर्नाटक कांग्रेस रविवार को बेलगावी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के राजहंसगढ़ में छत्रपति शिवाजी की 43 फीट ऊंची प्रतिमा का फिर से अनावरण करेगी. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने 2 मार्च को उसी प्रतिमा का धूमधाम से उद्घाटन किया था. बेलागवी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर बोम्मई के उद्घाटन समारोह से अनुपस्थित रहीं. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए 5 मार्च को उद्घाटन करने की घोषणा की.
आज के उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारियां हो चुकी हैं और कांग्रेस पार्टी हजारों लोगों को समारोह में शामिल कर रही है. हालांकि, यह भाजपा विधायक रमेश जरकीहोली और कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर के बीच प्रतिद्वंद्विता के चलते हो रहा है. सूत्र बताते हैं कि यह रमेश जरकीहोली और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच लड़ाई है. गोकक निर्वाचन क्षेत्र और आसपास के इलाकों में मजबूत पकड़ रखने वाले भाजपा विधायक रमेश जरकीहोली ने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह भी पढ़ें : प्रत्येक 100 व्यक्ति पर 3 आवारा कुत्ते: यूपी के नागरिक निकायों के लिए बड़ी समस्या
बाद में, जब भाजपा सत्ता में आई और बी.एस. येदियुरप्पा सीएम बने, रमेश जरकीहोली को उनकी पसंद का कैबिनेट बर्थ दिया गया. बाद में, कथित सेक्स-सीडी कांड के बाद रमेश जरकीहोली को इस्तीफा देना पड़ा. जरकीहोली को इन सबके पीछे शिवकुमार का हाथ होने का शक है. शिवकुमार लक्ष्मी हेब्बलकर के गॉडफादर हैं और बेलगावी जिले के अपने घरेलू मैदान पर जरकीहोली को चुनौती देते हैं. जिले में मराठा वोट बैंक पर नजर रखने और क्रेडिट के लिए एक-दूसरे के साथ होड़ करने वाले मूर्ति के उद्घाटन को सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने विवाद में बदल दिया है.
रमेश जरकीहोली ने जिला प्रशासन द्वारा प्रतिमा के उद्घाटन के लिए दबाव डाला और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से उद्घाटन करवा लिया. सूत्र बताते हैं कि बेलगावी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में 1 लाख से अधिक मराठा वोट हैं. बेलागवी जिले में 18 विधानसभा सीटें हैं और सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मराठा मतदाताओं की उपस्थिति है. कुछ सीटों पर मराठा वोटों का दबदबा है. दोनों पार्टियों के सूत्रों का मानना है कि बेलागवी उनके लिए सबसे अहम जिला है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि हाल ही में बेलगावी में 10.7 किलोमीटर के प्रधानमंत्री के रोड शो का आयोजन उस क्षेत्र में एक मैसेज देने के लिए किया गय, जिसमें भाषा विवाद देखा गया था.