Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा पिछले पांच वर्षों से स्थगित थी, जिसका कारण कोरोना महामारी और गलवान घाटी में चीन के साथ हुआ विवाद था. लेकिन अब यह यात्रा 5 साल बाद फिर से शुरू होने जा रही है, जिससे भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है.
नवीनीकरण और पुनर्निर्माण का काम अगले 4-5 दिनों में होगा पूरा
लेबर इंचार्ज (Labour Incharge)सुनील कुमार ने बताया कि "कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द शुरू होने वाली है. अनुकूलन केंद्रों का नवीनीकरण और पुनर्निर्माण कार्य अगले 4-5 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. यात्रा मार्ग में ऐसे केंद्र बनाए जा रहे हैं, जहां 50-60 यात्रियों के रुकने की व्यवस्था होगी. यह भी पढ़े: Kailash Mansarovar Yatra 2025: जून से अगस्त तक होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025, kmy.gov.in पर कर सकते हैं आवदेन
कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरू
#WATCH | Nathula, Indo-China border: The Kailash Mansarovar Yatra is set to resume via Nathula from June this year, marking the end of a five-year suspension caused by the Doklam standoff in 2017 and the COVID-19 pandemic.
Sunil Kumar, Labour Incharge says "The Kailash… pic.twitter.com/6n6kuXjHKe
— ANI (@ANI) May 18, 2025
कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से होगी शुरू
यह यात्रा पिछले पांच साल बाद 30 जून से शुरू होगी और यह 25 अगस्त तक चलेगी. यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पहले की तरह ऑनलाइन होगी, और इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स की आधिकारिक वेबसाइट kmy.gov.in पर पंजीकरण करना होगा. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान, यात्रियों को पासपोर्ट और फिटनेस प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्रदान करना होंगे.
कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्त्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है. भगवान शिव के निवास के रूप में हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण होने के नाते, यह जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है.
लिपुलेख दर्रे से रवाना होगी यात्रा
इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथुला दर्रे से शुरू होगी. उत्तराखंड से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों को लिपुलेख दर्रे से रवाना किया जाएगा. यहां से कैलाश मानसरोवर की दूरी लगभग 5000 किलोमीटर है, और यात्रा में 24-25 दिन का समय लग सकता है.
पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा
पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा. उसके बाद, दूसरा जत्था 4 जुलाई, तीसरा जत्था 8 जुलाई, चौथा जत्था 31 जुलाई, और आखिरी जत्था 4 अगस्त को दिल्ली से रवाना होगा.
यात्रा के लिए लगेंगे इतने पैसे
कुमाऊं मंडल विकास निगम के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को केएमवीएन को 56,000 रुपये देने होंगे. इसके अलावा, विदेश मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार, यात्रियों को अन्य खर्चे खुद वहन करने होंगे.
सुरक्षा को लेकर सरकार का आश्वासन
इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से चलेगी, जो इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू होने वाली है।
हमले के बावजूद गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि कश्मीर में पर्यटन जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी कश्मीर को उसके विकास पथ से नहीं हटा सकता.













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