जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गैर-स्थानीय लोगों पर आदेश जारी होने की खबर को 'फर्जी' बताया

बिहार के दो और मजदूरों की हत्या के मद्देनजर मीडिया द्वारा रविवार को एक आपातकालीन परामर्श जारी किए जाने के एक घंटे से भी कम समय में गैर-स्थानीय लोगों को कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों के निकटतम शिविरों में ले जाने की मांग की गई. मगर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की.

भारतीय सेना (Photo: PTI)

श्रीनगर, 17 अक्टूबर: बिहार (Bihar) के दो और मजदूरों की हत्या के मद्देनजर मीडिया द्वारा रविवार को एक आपातकालीन परामर्श जारी किए जाने के एक घंटे से भी कम समय में गैर-स्थानीय लोगों को कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों के निकटतम शिविरों में ले जाने की मांग की गई. मगर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की. यह भी पढ़े: Jammu-Kashmir: आम नागरिकों को टारगेट कर दहशत फैला रहे आतंकी, इस महीने 11 लोगों को बनाया निशाना

हालांकि गैर-स्थानीय लोगों को पुलिस थानों में आने के लिए कहने की खबरें थीं. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा, ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, यह फर्जी है. "6 अक्टूबर से घाटी में कई नागरिकों की हत्या हुईं, विशेष रूप से राज्य के बाहर के लोगों की. पिछले 11 दिनों के दौरान अब तक नौ नागरिक मारे गए हैं.

6 अक्टूबर से कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं का सिलसिला जारी है. आतंकवादियों ने 6 अक्टूबर को प्रतिष्ठित फार्मेसी मालिक एम.एल. बिंदू, एक गैर-स्थानीय स्ट्रीट वेंडर, और एक टैक्सी ड्राइवर की हत्या कर दी थी. इसके दो दिन बाद श्रीनगर शहर के ईदगाह इलाके में आतंकियों ने स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और टीचर दीपक शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी.

शनिवार को श्रीनगर में एक और गैर-स्थानीय रेहड़ी-पटरी वाले की गोली मारकर हत्या कर दी गई और पुलवामा में आतंकियों ने एक गैर-स्थानीय बढ़ई की हत्या कर दी. रविवार को कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने दो गैर स्थानीय मजदूरों की हत्या कर दी और एक तिहाई को गंभीर रूप से घायल कर दिया. तीनों बिहार के रहने वाले हैं.

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