रांची, 10 फरवरी : झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने रांची में ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए कदम न उठाए जाने पर राज्य सरकार, रांची जिला प्रशासन और पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने इस मामले में सरकार द्वारा अदालत में शपथ पत्र दाखिल नहीं किए जाने पर भी सख्त नाराजगी जताई. रांची में ध्वनि प्रदूषण को लेकर दाखिल एक पीआईएल की सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने शुक्रवार को मौखिक रूप से कहा कि रात में 10 बजे के बाद किसी भी हालत में रांची शहर में लाउडस्पीकर नहीं बजना चाहिए.
अगर जरूरत पड़े तो लाउडस्पीकर बजाने वालों पर एफआईआर की जाए. कोर्ट ने रांची एसएसपी, ट्रैफिक एसपी एवं नगर आयुक्त को कहा कि वह मिलकर यह देखें की ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हो रही है या नहीं. कोर्ट के आदेश पर सुनवाई के दौरान रांची डीसी, रांची एसएसपी एवं उप नगर आयुक्त सशरीर उपस्थित हुए. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि रांची शहर में ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई है, जबकि पिछली सुनवाई में सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था. यह भी पढ़ें : बिहार के निलंबित न्यायिक अधिकारी की याचिका की सुनवाई से अलग हुए न्यायमूर्ति अमानुल्लाह
इसपर रांची डीसी की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट के आसपास एवं अशोकनगर में साइलेंस जोन को लेकर होडिर्ंग्स लगाए गए हैं. ध्वनि प्रदूषण को लेकर 8 प्राथमिकी दर्ज की गई है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च निर्धारित करते हुए राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन भी कोर्ट में उपस्थित थे.