रांची: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन अब राज्य के बजट सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे. हाई कोर्ट ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी है. झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी थी. इससे पहले 22 फरवरी को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. Himachal Politics: CM सुक्खू की विदाई से कांग्रेस को मिलेगी संजीवनी? हिमाचल में सरकार बचाने के लिए काम आ सकता है ये रास्ता.
हेमंत सोरेन ने अपनी अर्जी में कहा कि विधानसभा में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण है क्योंकि कई धन विधेयकों पर सदन में मत विभाजन होना है. सोरेन ने बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए विशेष पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम) अदालत के समक्ष याचिका दायर की थी. जिसके बाद वे अपने मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंचे.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था.
ED समन की अवहेलना मामले में 4 मार्च को फैसला
ईडी की ओर से 20 फरवरी को दर्ज कराए गए केस में बताया गया है कि जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए उन्हें दस समन भेजे गए थे, लेकिन इनमें से मात्र दो समन पर वह उपस्थित हुए. यह पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है. अदालत ने इस मामले में फैसले के लिए 4 मार्च की तारीख मुकर्रर की है.
रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने उन्हें पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा था. इसके बाद 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर 2023 के अलावा 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी 2024 को समन भेजे गए थे. दसवें समन पर उनसे 31 जनवरी को पूछताछ हुई थी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.