Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन का बड़ा एलान, झारखंड में बगैर ओबीसी आरक्षण के होंगे पंचायत चुनाव
मुख्यमंत्री ने इस मामले में विपक्ष पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ विपक्ष पंचायत चुनाव कराने के लिए दवाब बना रहा है और दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने की भी बात करता है. यानी चित भी मेरी पट भी मेरी. सीएम ने कहा कि विपक्ष के लोग ग्राम पंचायतों के मुखिया को सड़क पर उतरने के लिए उकसा रहे हैं. यह गलत है.
रांची: झारखंड (Jharkhand) में ग्राम पंचायतों (Gram Panchayat) के चुनाव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सोमवार को झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) में बड़ा एलान किया. उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायतों के आगामी चुनाव ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के बगैर कराये जायेंगे. कोविड (COVID) के चलते पंचायत चुनाव (Panchayat Election) 2021 से ही टल रहे हैं और इस वजह से राज्य सरकार (State Government) को 700 से 800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. Jharkhand: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट बैठक में लगाई 63 प्रस्तावों पर मुहर, सुशासन व विकास को मिलेगी गति
सीएम हेमंत सोरेन ने ये बातें विधानसभा में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान आजसू पार्टी के विधायक लंबोदर महतो द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में कहीं। आजसू पार्टी के विधायक ने मुख्यमंत्री से पूछा था सर्वोच्च न्यायालय ने पंचायती राज व्यवस्था में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने का आदेश दिया है, तो झारखंड सरकार पंचायतों में यह व्यवस्था लागू करने पर क्या कदम उठा रही है? मुख्यमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में यह कहीं नहीं कहा गया है कि ट्रिपल टेस्ट कराए बगैर पंचायतों के चुनाव नहीं होंगे। यदि ऐसा रहता तो ओडिसा, बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र में पंचायत चुनाव नहीं होते।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में विपक्ष पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ विपक्ष पंचायत चुनाव कराने के लिए दवाब बना रहा है और दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने की भी बात करता है. यानी चित भी मेरी पट भी मेरी. सीएम ने कहा कि विपक्ष के लोग ग्राम पंचायतों के मुखिया को सड़क पर उतरने के लिए उकसा रहे हैं. यह गलत है.
मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि विधानसभा में भी पिछड़ी जाति के कई सदस्य हैं, पर यहां कहां आरक्षण है? पंचायतों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने में समय लगेगा और सरकार को काफी पैसे खर्च भी करने पड़ेंगे, इसलिए ट्रिपल टेस्ट पर भविष्य में निर्णय लेंगे. जहां ओबीसी बहुल क्षेत्र हैं वहां तो ओबीसी चुनकर आएंगे ही. इसलिए सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट कराए पंचायत चुनाव कराएगी.