श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हालात के चलते ज्यादातर युवा आजादी से अपने सपनों की उड़ान नहीं भर पाते हैं, बावजूद इसके घाटी के कुछ युवा अपने बुलंद हौसलों से मुश्किल हालात को मात देते हुए अपनी मंजिल को हासिल कर ही लेते हैं. जम्मू-कश्मीर के मुश्किल हालात को मात देकर राजौरी (Rajouri) की बेटी इरमीम शमीम (Irmim Shamim) ने एक नया इतिहास रचा है. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (AIIMS) की एमबीबीएस (MBBS) प्रवेश परीक्षा पास की है. राजौरी जिले के धनौर गांव की रहने वाली इरमीम शमीम गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और उन्होंने ये परीक्षा जून महीने में पास की है. हालांकि उनके लिए इस परीक्षा को पास करना काफी मुश्किल था, क्योंकि उन्हें इस राह में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
जम्मू-कश्मीर के खराब हालात के बीच इरमीम शमीम ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया. पिछड़े समुदाय का होने के कारण इरमीम और उनके परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. इरमीम शमीम स्कूल जाने के लिए रोजाना 10 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता था, लेकिन उनके बुलंद हौसले के आगे 10 किलोमीटर की दूरी बहुत छोटी साबित हो जाती थी.
राजौरी की बेटी इरमीम शमीम ने रचा इतिहास-
J-K: Irmim Shamim becomes first woman to clear MBBS AIIMS in Rajouri
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— ANI Digital (@ani_digital) August 26, 2019
इरमीम का कहना है कि हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई समस्या होती है, लेकिन हमें हमेशा उन दिक्कतों का डटकर सामना करना चाहिए. इन चुनौतियों से लड़ने के बाद सफलता निश्चित रूप से आपके पास आती है. इरमीम की इस कामयाबी के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी में ट्रक ड्राइवर की मौत, पुलिस ने किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि राजौरी की बेटी ने एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास करके इतिहास रचा है और उनकी इस सफलता से परिवार वाले खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. उनके परिवार में खुशी का माहौल है और उनके घरवाले चाहते हैं कि इरमीम शमीम एक अच्छी डॉक्टर बनकर जम्मू-कश्मीर और देश के लोगों की सेवा करें.