Court on Rape and Genital Injury-Semen Stains: प्राइवेट पार्ट पर कोई चोट या स्पर्म का दाग न हो तो भी रेप साबित किया जा सकता है, हाई कोर्ट की टिप्पणी
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक रेप केस पर सुनवाई करते हुए कहा कि गुप्तांगों पर कोई चोट या वीर्य का दाग न हो तो भी बलात्कार साबित किया जा सकता है.
Jammu & Kashmir High Court: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक रेप केस पर सुनवाई करते हुए कहा कि गुप्तांगों पर कोई चोट या वीर्य का दाग न हो तो भी बलात्कार साबित किया जा सकता है.
न्यायमूर्ति संजय धर और न्यायमूर्ति राजेश सेखरी ने यह भी कहा कि बलात्कार पीड़िता का इलाज करने वाला एक चिकित्सा विशेषज्ञ केवल यह प्रमाणित कर सकता है कि हाल की यौन गतिविधि का कोई सबूत है या नहीं, हालाकिं वे इस पर अंतिम निर्णय नहीं दे सकते कि बलात्कार किया गया है या नहीं. HC On Sister's Rape and Compromise: बहन से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ मामला नहीं होगा रद्द, कोर्ट ने कहा- यह जघन्य अपराध
न्यायाधीशों ने स्पष्ट किया कि चूंकि बलात्कार एक अपराध है, इसलिए यह निर्धारित करना केवल अदालत का काम है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत बलात्कार का मामला बनता है या नहीं.
क्या है मामला-
उच्च न्यायालय ने बोध राज नामक व्यक्ति की अपील को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसे अपनी एक वर्षीय पोती के साथ बलात्कार के लिए दोषी ठहराया गया था.
चिकित्सकीय जांच में डॉक्टर ने पाया कि बच्ची की हाइमन फट गई है और उसके गुप्तांगों पर ताजा चोटें हैं. डॉक्टर ने शुरू में राय दी थी कि यह यौन उत्पीड़न का मामला हो सकता है, हालांकि अन्य संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है.
राज के वकील ने तर्क दिया था कि किसी भी स्पष्ट राय की अनुपस्थिति और वीर्य के धब्बों की अनुपस्थिति राज के खिलाफ केस पर संदेह पैदा करती है. हालांकि, बाद में डॉक्टर ने गवाही दी कि बच्ची की चोटों से संकेत मिलता है कि उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था और लिंग का प्रवेश हुआ था.
उच्च न्यायालय ने अंततः राज पर लगाई गई दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा. कोर्ट ने कहा, "डॉक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पीड़िता पर पाए गए घावों को देखते हुए, यह निश्चित रूप से लिंग प्रवेश का मामला था. ऐसी परिस्थितियों में वीर्य के दाग की अनुपस्थिति महत्वहीन हो जाती है और अपीलकर्ता के बचाव में नहीं आएगी."