गुवाहाटी हाई कोर्ट ने हाल ही में एक बलात्कार मामले की आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने पीड़िता और आरोपी के बीच समझौते को खारिज कर दिया. मामले में एक व्यक्ति पर अपनी बहन के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने कहा कि आरोप का समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. अपराध को "जघन्य" करार देते हुए जस्टिस मिताली ठाकुरिया की बेंच ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह आपराधिक कार्यवाही के साथ-साथ आरोपी के खिलाफ एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द करने का उपयुक्त मामला नहीं है, भले ही दोनों पक्षों ने इसे लेकर समझौता किया है.

कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता पर मामले में समझौता करने की संभावित मजबूरी को भी ध्यान में रखा क्योंकि दोनों याचिकाकर्ता भाई-बहन हैं. कोर्ट ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं के माता-पिता होने के नाते पिता परिवार की प्रतिष्ठा की खातिर पीड़िता पर मामले में समझौता करने के लिए जोर दे रहे होंगे.

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