नई दिल्ली, 9 सितंबर : जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के डोडा जिले में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के विधायक मेहराज मलिक को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आरोप है कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. इस घटना ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है और सिख समुदाय से जुड़े नेताओं ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
दिल्ली सरकार में मंत्री और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो संदेश जारी कर मेहराज मलिक पर जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विधायक मेहराज मलिक, जो आम आदमी पार्टी से हैं, ने सिख डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह के खिलाफ बेहद घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने उनके पिता और सारे कुनबे पर अभद्र टिप्पणी की. यह भी पढ़ें : Rajasthan: राजस्थान के चुरू के हॉस्पिटल में दिखाई दिया ‘थ्री इडियट ‘ फिल्म का नजारा, बुजुर्ग की जान बचाने के लिए युवक बाइक लेकर इमरजेंसी वार्ड में घुसे, VIDEO आया सामने
सिरसा ने आरोप लगाया कि जब से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को पंजाब के लोगों ने भगाया, तब से ये लोग अपने विधायकों के जरिए सिखों पर अभद्र टिप्पणी करवाने में जुटे हैं. मेहराज मलिक और उनके आकाओं में इतनी हिम्मत नहीं कि वे ऐसी बात कह सकें या ऐसा करने की सोच भी सकें. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग की कि मेहराज मलिक के खिलाफ सिखों की भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज किया जाए और उनके आकाओं के खिलाफ भी कार्रवाई हो. सिरसा ने मेहराज मलिक को चेतावनी देते हुए आगे कहा कि जिनके बल पर उछल रहे हो, वे भी आपको नहीं बचा पाएंगे.
इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सिरसा ने लिखा, "आप विधायक मेहराज मलिक की सिखों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी 'आप' नेतृत्व की खतरनाक मानसिकता को उजागर करती है. जब से पंजाबियों ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के झूठे वादों को भारी बहुमत से नकार दिया है, तब से उनकी हताशा सिख समुदाय के प्रति खुली दुश्मनी में बदल गई है." उन्होंने आगे लिखा, "इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि आत्ममंथन करने के बजाय, 'आप' अहंकार और गाली-गलौज का रास्ता अपना रही हैं. मैं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से आग्रह करता हूं कि वे कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. उनके नफरत भरे भाषण और विभाजनकारी आचरण के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए."












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