जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) में पिछले साल 15 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद से यह मामला जो तूल पकड़ा वो शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इस हिंसा में जामिया मिल्लिया इस्लामिया स्थित लाइब्रेरी में भी छात्रों की पिटाई हुई थी. जिसके लेकर कई सारे वीडियो भी अब सामने आ रहे हैं. वहीं इस हिंसा के बाद एक छात्र मोहम्मद मुस्तफा ने दिल्ली के हाई कोर्ट में एक करोड़ का मुकदमा दायर किया है. मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि मैं लाइब्रेरी में पढ़ रहा था, 5:30 बजे टीयर गैस की सीलिंग होने लगी. 6 बजे जबरदस्ती पुलिस अंदर आती है,कोई चेतावनी नहीं देती,सब पर लाठी चार्ज होता है. मुझे भी मारा जाता है जबकि मेरा प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं था.
बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस कार्रवाई में कथित रूप से घायल एक छात्र की मुआवजे की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र, आप सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. यह याचिका नबीला हसन की ओर से दायर की गई है. जिसमें मुजीब के दोनों पैर खराब होने और गंभीर चोटों का जिक्र किया है.
छात्र मोहम्मद मुस्तफा ने कहा:-
उच्च न्यायालय में 1करोड़ के मुआवजे का मुकदमा करने वाले मोहम्मद मुस्तफा:मैं लाइब्रेरी में पढ़ रहा था,5:30बजे टीयर गैस की सीलिंग होने लगी। 6बजे जबरदस्ती पुलिस अंदर आती है,कोई चेतावनी नहीं देती,सब पर लाठी चार्ज होता है।मुझे भी मारा जाता है जबकि मेरा प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं था pic.twitter.com/bdBQU0odPU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2020
गौरतलब हो कि दिल्ली के जामिया नगर में 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे. इस दौरान 14 बसों और 20 निजी वाहनों में आगजनी की गई थी. इस घटना में 31 पुलिस अधिकारियों सहित 67 लोगों को इस दौरान चोटें आई थीं. वहीं विद्यार्थियों सहित कुल 47 लोगों को हिरासत में लिया गया था.