CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया के छात्र की कथित तौर पर पिटाई, पीड़ित ने खो दी अपनी एक आंख की रोशनी
जामिया मिलिया का छात्र मोहम्मद मिनाजुद्दीन (Photo Credit: Twitter/Rajdeep Sardesai)

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) के विरोध में देशभर के अधिकांश हिस्सों से हिंसक विरोध प्रदर्शन (Anti- CAA Protest) की खबरें लगातार मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं. राजधानी दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) में हुई हिंसक झड़प के बाद एक दुखद खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जामिया मिलिया इस्लामिया के एलएलएम के छात्र मोहम्मद मिनहाजुद्दीन (Mohammed Minhajuddin) की सीएए के विरोध के दौरान कथित तौर पर पिटाई की गई, जिसके चलते उसकी एक आंख की रोशन चली गई है. छात्र की इस हालत के लिए कथित तौर पर पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को जिम्मेदार माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि रविवार की शाम दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के कर्मियों ने बेरहमी से इस छात्र की पिटाई की थी.

इस घटना को लेकर पीड़ित छात्र मोहम्मद मिनहाजुद्दीन का कहना है कि वो सेंट्रल लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे, तभी कुछ पुलिस वाले लाइब्रेरी में दाखिल हुए और वहां बैठे छात्रों पर लाठियां बरसाने लगे. पीड़ित की मानें तो पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने की वजह से उसकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया और एक आंख बुरी तरह से प्रभावित हो गई. पुलिस की पिटाई के दौरान बचने के लिए छात्र ने टॉयलेट की तरफ भागने की कोशिश की और उसकी आंख से खून निकल रहा था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

देखें ट्वीट- 

बता दें कि सोशल मीडिया पर छात्रों की दुर्दशा पर वीडियो शेयर किए जाने के तुरंत बाद सोशल मीडिया के कई यूजर्स ने उसे रीट्वीट करना शुरू कर दिया. उन लोगों में जाने माने पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी शामिल हैं. उन्होंने इस पीड़ित छात्र का वीडियो पोस्ट कर केंद्र सरकार से सवाल किया है कि अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़ें: कर्नाटक: CAA के विरोध में वामपंथी और मुस्लिम संगठनों ने किया बंद का ऐलान, 3 दिन के लिए धारा 144 लागू

ज्ञात हो कि जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर हिंसक हमले की खबरें रविवार को सामने आई थीं, जब दिल्ली पुलिस लाइब्रेरी में दाखिल हो गई और कथित तौर पर छात्रों की पिटाई शुरू कर दी. इससे पहले जेएमआई के अधिकांश छात्र नई दिल्ली में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और कुछ छात्रों ने इस विरोध प्रदर्शन को हिंसक बना दिया, कुछ उपद्रवियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ शुरू कर दी और उन्हे रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी.