'This is No Ceasefire': सीजफायर के बाद भी गोलीबारी कर रहा पाकिस्तान, CM उमर अब्दुल्ला ने VIDEO जारी कर उठाए सवाल
Photo- @OmarAbdullah/X

India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को शाम 5 बजे जैसे ही सीजफायर का एलान हुआ, लोगों को उम्मीद जगी कि अब शायद शांति लौटेगी. लेकिन ये उम्मीद महज चार घंटे ही टिकी. रात होते-होते जम्मू-कश्मीर में फिर धमाके गूंजने लगे. श्रीनगर में 4 से 5 धमाके सुने गए. सांभा में सायरन बजने लगे.  उधमपुर में ब्लैकआउट हो गया और पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इंटरसेप्ट किया. सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलाबारी पर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए.

उन्होंने ने एक्स पर लिखा, "आखिर संघर्ष विराम का क्या हुआ? श्रीनगर में धमाकों की आवाजें सुनी गईं. यह कोई युद्ध विराम नहीं है. श्रीनगर के मध्य में हवाई रक्षा इकाइयों ने अभी-अभी गोलीबारी शुरू की है.''

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यह कोई युद्ध विराम नहीं है: CM उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर में भारतीय वायु रक्षा ने पाकिस्तानी ड्रोन को रोका

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जोरदार धमाके सुनाई दिए

12 मई को भारत-पाकिस्तान में होगी बातचीत

दरअसल, शनिवार सुबह तक दोनों देशों के बीच मिसाइलें चल रही थीं. लेकिन दोपहर होते-होते अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट से सब कुछ बदल गया. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता में संघर्षविराम पर सहमति दी है और इसे "कॉमन सेंस और बुद्धिमत्ता" की जीत बताया.

इसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार और भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी संघर्षविराम की पुष्टि की. भारत ने साफ कहा कि अब से अगर कोई आतंकवादी हमला होता है, तो उसे सीधे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. ये भी बताया गया कि 12 मई को दोनों देशों के अफसर बातचीत के लिए मिलेंगे.

3 दिन के संघर्ष में 60 से ज्यादा लोगों की मौत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय युवक की मौत के बाद ही हालात बिगड़े थे. इसके दो हफ्ते बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया.

तीन दिन चले इस संघर्ष में 60 से ज्यादा जानें गईं और दोनों तरफ भारी नुकसान हुआ. अब सीजफायर के बाद पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस खोलने की घोषणा की है, लेकिन भारत की ओर से साफ कर दिया गया है कि सिंधु जल संधि अब भी सस्पेंड रहेगी.

पाकिस्तान पर भरोसा करना मुश्किल

लेकिन अब सवाल यह है कि जब अमेरिका, सऊदी अरब और तुर्की की इतनी मेहनत के बाद संघर्षविराम हुआ, तो चार घंटे में ही सब क्यों टूट गया? क्या पाकिस्तान की नीयत साफ नहीं थी या फिर ये सिर्फ रणनीतिक चाल थी?

सीजफायर का टूटना बताता है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को छोड़ने का ठोस सबूत नहीं देता, तब तक किसी भी समझौते पर पूरी तरह यकीन करना मुश्किल है. अमेरिका की मध्यस्थता हो या अंतरराष्ट्रीय दबाव, भारत अब पहले की तरह नहीं रहेगा.

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