Speed ​​Post Asthi Visarjan: अब वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार, गया में स्पीड पोस्ट से कराएं अस्थि विसर्जन

नई सुविधा का लाभ उठाने वाले अनुष्ठानों को लाइव देख सकेंगे. वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा, "कई लोगों ने अपने प्रियजनों को कोविड में खो दिया, लेकिन उनका अंतिम संस्कार नहीं कर सके. अब, डाक विभाग को सूचित करके इन पवित्र शहरों में स्पीड पोस्ट के माध्यम से राख भेजी जा सकती है."

गंगा घाट (Photo Credits: pxhere)

वाराणसी: डाक विभाग (Postal Department) और सामाजिक धार्मिक मंच ओम दिव्य दर्शन (Social Religious Forum Om Divya Darshan), वाराणसी (Varanasi), प्रयागराज (Prayagraj), हरिद्वार (Haridwar) और गया (Gaya) में गंगा (River) में अस्थि विसर्जन (Asthi Visarjan) और श्राद्ध अनुष्ठान (Shraddha Rituals) के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए एक साथ आगे आए हैं. यह सेवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो महामारी (Pandemic) के दौरान मरने वाले अपने प्रियजनों के अस्थि विसर्जन और 'श्रद्धा' सहित मृत्यु के बाद के अनुष्ठान नहीं कर सके थे. Varanasi: सार्वजनिक जगहों पर प्रतिबंध के बावजूद गंगा घाट पर आरती देखने के लिए जमा हुई भीड़

नई सुविधा का लाभ उठाने वाले अनुष्ठानों को लाइव देख सकेंगे. वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा, "कई लोगों ने अपने प्रियजनों को कोविड में खो दिया, लेकिन उनका अंतिम संस्कार नहीं कर सके. अब, डाक विभाग को सूचित करके इन पवित्र शहरों में स्पीड पोस्ट के माध्यम से राख भेजी जा सकती है."

उन्होंने कहा कि लोगों को 'अस्थी विसर्जन' या 'श्रद्धा' समारोह के लिए ओम दिव्य दर्शन के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा. राख को एक पैकेट में रखा जा सकता है और वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और गया को स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा जा सकता है.

'अस्थी' के पैकेट को बड़े करीने से पैक किया जाना चाहिए और विवरण के साथ 'ओम दिव्य दर्शन' बड़े अक्षरों में लिखा होना चाहिए. स्पीड पोस्ट शुल्क प्रेषक द्वारा वहन किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बुकिंग के बाद प्रेषक को ओम दिव्य दर्शन के पोर्टल पर स्पीड पोस्ट बारकोड नंबर सहित विवरण अपडेट करना होगा. पोस्ट ऑफिस पर पैकेट मिलने के बाद उसे पोर्टल के पते पर पहुंचा दिया जाएगा.

उसके बाद, पैनल में शामिल पुजारी एक पूर्व निर्धारित तिथि और समय स्लॉट पर 'श्रद्धा' समारोह करेंगे, जिसे परिवार के सदस्यों के लिए वेबकास्ट (लाइव) किया जाएगा. इसके बाद गंगा जल की बोतल बुक कर मृतक के परिजनों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पहुंचाई जाएगी.

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