Kalyan Satta Matka Mumbai: सट्टा मटका और लॉटरी खेलने वालों के लिए चेतावनी! सावधान रहें वरना आपका होगा भारी नुकसान
यदि आप सट्टा मटका, सट्टा किंग या लॉटरी में रुचि रखते हैं और इनसे पैसे कमा रहे हैं, तो सावधान रहें. परेशानी से बचने के लिए पूरी खबर जरूर पढ़ें.
Kalyan Satta Matka Mumbai:: यदि आप सट्टा मटका, सट्टा किंग या लॉटरी में रुचि रखते हैं और इनसे पैसे कमा रहे हैं, तो सावधान रहें. आयकर विभाग आपके द्वारा कमाए गए पैसे पर बारीकी से नजर रखता है और ऐसे लोगों को जल्दी पकड़ लेता है. यह पैसे अवैध तरीके से कमाए जाते हैं और आप अपनी आय पर टैक्स भी नहीं देते हैं. सट्टा मटका, सट्टा किंग या लॉटरी में पैसे लगाना, खेलना या जुआ कराना देश में कानूनी रूप से अवैध है.
साथ ही, किसी भी लॉटरी, चाहे वह बड़े टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) की हो, से कमाई पर भी टैक्स देना होता है. KBC जैसे शो में जीतने वाले को टैक्स की कटौती के बाद ही बाकी राशि दी जाती है.
सट्टा मटका, सट्टा किंग, लॉटरी, गेम शो या ऑनलाइन गेमिंग से प्राप्त पुरस्कार राशि पर टैक्स
सट्टा मटका, सट्टा किंग, लॉटरी, गेम शो या ऑनलाइन गेमिंग से कमाई पर टैक्स देना अनिवार्य है. सरकार ऐसे पैसे पर एक निश्चित राशि के रूप में टैक्स वसूलती है. आयकर के नियमों के अनुसार, लगभग हर प्रकार की आय देश में आयकर के दायरे में आती है और उस पर एक निश्चित राशि के रूप में टैक्स वसूला जाता है. ये भी पढ़ें- Kalyan Satta Matka Mumbai: 'कल्याण सट्टा मटका मुंबई' देश में अवैध फिर भी कैसे खेला जाता है? यहां जानें A टू Z जानकारी
आयकर के नियमों के अनुसार, किसी भी लॉटरी, गेम शो, क्विज शो, प्रतियोगिता आदि में जीती गई राशि पर कानूनी रूप से टैक्स देना होता है. चाहे वह सट्टा मटका का खेल हो, लॉटरी हो या टीवी पर चलने वाला 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) शो हो. आपने अक्सर सोशल मीडिया पर अनगिनत गेम शो और ऑनलाइन बेटिंग गेम्स के विज्ञापन देखे होंगे. सरकार इनसे बचने की सलाह देती है, लेकिन दूसरी ओर, इन पर टैक्स लगाकर राजस्व भी वसूलती है. वर्तमान में, इन लेन-देन को GST के तहत लाने पर विचार किया जा रहा है.
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आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194B
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194B के तहत लॉटरी या किसी भी खेल में जीती गई राशि या पुरस्कार पर टैक्स लागू होता है. इसके अनुसार, यदि किसी प्रतियोगिता में जीती गई राशि 10 हजार रुपये से अधिक है, तो पहले TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) कटेगा और बाकी पुरस्कार राशि विजेता को दी जाएगी. यदि लॉटरी या प्रतियोगिता में जीती गई राशि या वस्तु की मूल्य 10 हजार रुपये से अधिक है, तो उस पर 30 प्रतिशत टैक्स काटा जाता है. इसके अलावा, 4 प्रतिशत का सरचार्ज भी काटा जाता है. यह कटौती किसी भी परिस्थिति में रिफंडेबल नहीं होती है. यह जानकारी आयकर अधिनियम की धारा 194B और 194BB में दी गई है.
इसलिए, यदि आप सट्टा मटका या लॉटरी से पैसे कमा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपनी आय की रिपोर्ट सही तरीके से करें और टैक्स की पूरी जानकारी रखें. आयकर विभाग की नजर आपके ऊपर है और कानून का पालन करना आपकी जिम्मेदारी है.