अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सेटेलाइट से खिंचेंगी तस्वीरें, इसरो से ली जाएगी मदद
विश्वभर में लोगों को हेल्दी लाईफ के प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. वहीँ योग के जनक भारत में यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं है, लेकिन इस वर्ष यह और भी खास होने जा रहा है.
नई दिल्ली: विश्वभर में लोगों को हेल्दी लाईफ के प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. वहीँ योग के जनक भारत में यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं है, लेकिन इस वर्ष यह और भी खास होने जा रहा है. देशभर में प्रात: सात बजे से आठ बजे तक होने वाले कार्यक्रमों की सेटेलाइट तस्वीरें ली जाएँगी.
आयुष मंत्रालय ने सेटेलाइट तस्वीरें लेने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से मदद मांगी है. पिछले साल 18 से 20 औपचारिक आयोजन हुए थे. आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाईक ने बताया कि आम जनता के बीच योग को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन इस वर्ष देहरादून में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष देहरादून को इसके लिए ‘केन्द्र’ के रूप में चयन किया गया है क्योंकि ऋषिकेश और हरिद्वार ‘योग राजधानी’ के रूप में जाने जाते हैं.
नाईक ने यह भी कहा कि योग दुनिया के लिए भारत की ओर से सबसे अमूल्य और प्रमुख विरासतों में से एक है. उन्होंने कहा कि आज के व्यस्त जीवन, जिसमें तनाव जीवन शैली का पर्याय बन गया है, में योग संतुलित और शांतिपूर्ण जीवन जीने का मार्ग है.
केन्द्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी कि इस वर्ष आयुष मंत्रालय 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के समूह पर विशेष ध्यान दे रहा है और भारतीय रजोनिवृत्ति सोसायटी के परामर्श से एक योग प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है जिसके तहत विशेषकर इस आयु समूह को लक्षित किया गया है. इस कार्यक्रम से वे महिलाएं काफी लाभान्वित होंगी जिन्हें विशेषकर इस आयु समूह में शामिल होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझना पड़ता है.
संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित 21 जून को योग दिवस मनाने की घोषणा की थी. संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव को सभी 193 देशों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया था और 177 देश इसके प्रायोजन में सहयोगी रहे.