RTGS Facility Becomes 24X7: आरटीजीएस सेवाएं आज रात से 24 घंटे उपलब्ध होंगी, यहां देखें पूरी डिटेल्स

उच्च-मूल्य लेन-देन के लिए रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) अब दिन के चौबीस घंटे उपलब्ध होगा. ये सुविधा आज यानी 14 दिसंबर से हर दिन उपलब्ध है. 24 घंटे इस प्रणाली को संचालित करने के लिए भारत कुछ देशों में से एक है. आरबीआईजीएस (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) सुविधा आज रात 12:30 बजे से 24X7 शुरू हो जाएगी.

आरटीजीएस सेवाएं आज रात से 24 घंटे उपलब्ध होंगी, (फोटो क्रेडिट्स : ANI)

उच्च-मूल्य लेन-देन के लिए रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) अब दिन के चौबीस घंटे उपलब्ध होगा. ये सुविधा आज यानी 14 दिसंबर से हर दिन उपलब्ध है. 24 घंटे इस प्रणाली को संचालित करने वाला भारत कुछ देशों में से एक है. आरबीआईजीएस (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) सुविधा आज रात 12:30 बजे से 24X7 शुरू हो जाएगी, रविवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा. अक्टूबर में RBI ने घोषणा की थी कि RTGS साल के सभी दिनों में चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगा. RBI ने कहा कि भारत दुनिया भर के उन कुछ देशों में से एक बन जाएगा जो पूरे साल आरटीजीएस प्रणाली का संचालन करते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) NEFT का 24 × 7 संचालन करती है. एनईएफटी छोटे मूल्य के लेनदेन के लिए लोकप्रिय मोड है. बता दें कि आरटीजीएस की शुरुआत 26 मार्च, 2004 को हुई थी, जिसमें चार बैंकों को शामिल किया गया था, वर्तमान में 237 प्रतिभागी बैंकों में 4.17 लाख करोड़ रुपये का रोजाना 6.35 लाख लेनदेन का करता है. यह भी पढ़ें: करोड़ों बैंक ग्राहकों के लिए खुशखबरी, 14 दिसंबर से बदल जाएंगे RTGS के ये नियम

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नवंबर 2020 में आरटीजीएस के लिए औसत टिकट का आकार 57.96 लाख रुपये था, जिससे यह वास्तव में बड़े मूल्य का भुगतान प्रणाली बन गया. आरटीजीएस आईएसओ 20022 फ़ॉर्मेट का उपयोग करता है जो वित्तीय लेनदेन के लिए सबसे अच्छा इन-क्लास मैसेजिंग मानक है. लाभार्थियों के खातों में क्रेडिट के लिए सकारात्मक पुष्टि की सुविधा भी आरटीजीएस में उपलब्ध है.

अब आरटीजीएस सुविधा चौबीस घंटे उपलब्ध होने के पर बिजनेस को फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी और सहायक भुगतान प्रणालियों में एडिशनल सेटलमेंट सायकल को लागू करने में सक्षम करेगी. आरबीआई ने कहा है कि भारतीय वित्तीय बाजारों और सीमा पार से होने वाले भुगतान को बढ़ाने के लिए भी इसका लाभ उठाया जा सकता है.

इससे पहले, आरबीआई ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से लेनदेन पर शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया था, और बैंकों से ग्राहकों को लाभ देने के लिए कहा था. आरटीजीएस और एनईएफटी के माध्यम से लेनदेन के लिए आरबीआई बैंकों पर न्यूनतम शुल्क लगाता था.

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