मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम में नकदी उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को होने वाली असुविधाओं को दूर करने के लिये कदम उठाया है. उसने निर्णय किया है कि एटीएम (ATM) में समय पर पैसा नहीं डालने वाले संबंधित बैंक पर वह 10,000 रुपये का जुर्माना लगाएगा. भारत एटीएम की 2022 के अंत तक 20 लाख नये सेवा केन्द्र जोड़ने की योजना
आरबीआई किसी एक महीने में एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) में 10 घंटे से अधिक समय तक नकदी नहीं रहने पर संबंधित बैंकों पर यह जुर्माना लगाएगा. यह व्यवस्था एक अक्टूबर, 2021 से लागू होगी.
केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘एटीएम में नकदी नहीं डालने को लेकर जुर्माना लगाने की व्यवस्था का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लोगों की सुविधा के लिये इन मशीनों में पर्याप्त धन उपलब्ध हो.’’
रिजर्व बैंक को नोट जारी करने की जिम्मेदारी मिली हुई है. वहीं बैंक अपनी शाखाओं और एटीएम के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से जनता को पैसे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभाते हैं.
1 अक्टूबर 2021 से, किसी भी एटीएम में एक महीने में दस घंटे से अधिक समय तक नकदी नहीं रहने पर रुपये 10,000/- प्रति एटीएम जुर्माना लगाया जायेगा : @RBIsays
— प्रसार भारती न्यूज सर्विसेज (@PBNS_Hindi) August 11, 2021
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘इसीलिए यह निर्णय किया गया कि बैंक/व्हाइटलेबल एटीएम परिचालक एटीएम में नकदी की उपलब्धता को लेकर अपनी प्रणाली को मजबूत बनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मशीन में नकदी समय पर डाली जाए ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो.’’
आरबीआई ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में नियम का अनुपालन नहीं करने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा और मौद्रिक जुर्माना लगाया जाएगा. एटीएम में नकदी नहीं डाले जाने के लिये जुर्माने की योजना में यह प्रावधान किया गया है.’’
योजना एक अक्टूबर, 2021 से प्रभाव में आएगी. जुर्माने की मात्रा के बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा कि किसी भी एटीएम में अगर महीने में 10 घंटे से अधिक समय तक नकदी नहीं रहती है तो प्रति एटीएम 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
व्हाइट लेबल एटीएम के मामले में जुर्माना उस बैंक पर लगाया जाएगा, जो संबंधित एटीएम में नकदी को पूरा करता है. व्हाइट लेबल एटीएम का परिचालन गैर- बैंक इकाइयां करती हैं.
बैंक व्हाइट लेबल एटीएम परिचालक से जुर्माना राशि वसूल सकता है. देश भर में विभिन्न बैंकों के जून 2021 के अंत तक 2,13,766 एटीएम थे.
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